स्पेशल मैरिज एक्ट से शादी करने वालों में हुआ 300% का जबरदस्त इजाफा
स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत पिछले एक वर्ष के दौरान दो अलग धर्म और अंतरजातीय शादियों में करीब 300 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है।
बेंगलुरू। पिछले कुछ वर्षों में शादी को लेकर युवाओं ने सभी धर्म और मजहब की दीवारें तोड़ कर एक-दूसरे के बंधन में बंध रहे हैं। बेंगलुरू में पिछले कुछ वर्षों के दौरान स्पेशल मैरिज एक्ट 1954 के तहत शादी करनेवालों में जबरदस्त इजाफा हुआ है। लगातार बढ़ते अंतरजातीय विवाह और दो अलग धर्मों के जोड़े की शादी को लेकर ही एक्ट बनाया गया है।
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, डिपार्टमेंट ऑफ स्टांप्स एंड रिजिस्ट्रेशन के आंकड़ों के मुताबिक, 2013-14 में स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत कुल 2,624 शादियां रजिस्टर्ड की गई थी जबकि उसके अगले साल ही इसमें जबरदस्त बढ़ोतरी देखने को मिली और एक साल बाद ये आंकड़ा 10,655 पर जा पहुंचा।
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विभाग के एक अधिकारी ने बताया, “ आजकल ज्यादातर शादियां अंतर्जातीय और विभिन्न धर्मो के बीच हो रही है जो कि ध्रर्म के आधार पर बने मैरिज कानून से बाहर है। ऐसे में स्पेशल मैरिज एक्ट संविधान के मुताबिक शादी करने का इन्हें अवसर देता है। यही वजह है कि आज अलग-अलग धर्मों के लोग स्पेशल मैरिज एक्ट के अंतर्गत शादी कर रहे हैं। ”
स्पेशल एक्ट की शर्त ये है कि लड़के और लड़की की आपसी रज़ामदी अनिवार्य है। वह सभी भारतीय और वो भारतीय भी जो विदेशों में रहते हैं चाहे वो किसी भी धर्म में आस्था रखते हों इस स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत शादी कर सकते हैं।
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इसके लिए लड़की की आयु 18 वर्ष से ऊपर और लड़के की उम्र 21 से साल होनी चाहिए। शादी के 30 दिन पूर्व दोनों लड़के और लड़की को जिले के मैरिज रजिस्ट्रार के पास इस बात का नोटिस देना होता है कि वे एक-दूसरे के साथ शादी करना चाहते हैं। अगर इस बीच किसी तरह की कोई आपत्ति नहीं होती है तो वे इस शादी के योग्य हो जाते हैं।