नोटबंदी के बाद पकड़े गए 11 करोड़ के नकली नोट: अरुण जेटली
बैंकों को निर्देश दिया गया है कि वे अपनी सभी शाखाओं पर नोटों के डिजाइन और सुरक्षा फीचर्स को प्रमुखता से प्रदर्शित करें।
नई दिल्ली, प्रेट्र। नोटबंदी के बाद से 29 राज्यों में विभिन्न एजेंसियों ने 11.23 करोड़ रुपये मूल्य के नकली नोट पकड़े हैं। सरकार की तरफ से मंगलवार को संसद में यह जानकारी दी गई। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राज्यसभा को दिए अपने लिखित जवाब में बताया कि रिजर्व बैंक ने एक मोबाइल एप भी लांच किया है। इसके जरिये यूजर 500 और 2000 रुपये के नोटों के फीचर्स के अलावा यह भी जान सकेंगे कि कौन से नोट असली हैं।
यह एप गूगल प्ले और आइफोन के एप स्टोर पर जाकर डाउनलोड किया जा सकेगा। बैंकों को भी निर्देश दिया गया है कि वे अपनी सभी शाखाओं पर नोटों के डिजाइन और सुरक्षा फीचर्स को प्रमुखता से प्रदर्शित करें। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों का जिक्र करते हुए जेटली ने बताया कि नोटबंदी के बाद से इस साल 14 जुलाई तक 1,57,797 नकली नोट पकड़े गए। इनका मूल्य 11.23 करोड़ रुपये बैठता है। सरकार ने पिछले साल आठ नवंबर को अचानक 1000 और 500 रुपये के पुराने नोट बंद करने का निर्णय लिया था। इसके बाद 500 और 2000 रुपये के नए नोट जारी किए गए थे।
36 लाख खातों में जमा हुई 10 लाख से ज्यादा नकदी
राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में वित्त राज्यमंत्री संतोष गंगवार ने जानकारी दी कि एक वित्त वर्ष में 36 लाख से अधिक बैंक खातों में लोगों ने 10 लाख रुपये से ज्यादा की नकदी जमा की है। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि उक्त आंकड़ा किस वित्त वर्ष का है। आयकर कानून में सभी बैंकों के लिए किसी व्यक्ति के खाते में एक वित्त वर्ष के दौरान दस लाख या इससे ज्यादा की नकदी जमा किए जाने पर इसकी जानकारी कर अधिकारियों को देना अनिवार्य है।
एनपीए के वर्गीकरण के लिए नहीं बढ़ेगी अवधि
एक अन्य सवाल के जवाब में गंगवार ने बताया कि रिजर्व बैंक फंसे कर्ज (एनपीए) के रूप में वर्गीकरण करने के लिए 90 दिन की समय अवधि को बढ़ाने के किसी प्रस्ताव पर विचार नहीं कर रहा है। केंद्रीय बैंक की ओर से वित्त मंत्रालय को यह जानकारी दी गई है। सरकार से पूछा गया था कि क्या छोटे और मझोले उद्यमों की मदद करने के लिए आरबीआइ के पास ऐसा कोई प्रस्ताव है।
1.62 लाख कंपनियों का पंजीकरण रद
लगातार दो वित्त वर्षो तक फाइनेंशियल स्टेटमेंट फाइल नहीं करने वाली 1.62 लाख कंपनियों का पंजीकरण निरस्त कर दिया गया है। एक सवाल के जवाब में संतोष गंगवार ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सरकार ने मुखौटा कंपनियों की पहचान और उनके कामकाज की जांच के बाद कार्रवाई करने के लिए हाल ही में कई कदम उठाए हैं। इसी प्रक्रिया के तहत ही इतने बड़े पैमाने पर कंपनियों का रजिस्ट्रेशन रद किया गया है।
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