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EU से बाहर होने के बाद भी क्या वैश्विक वित्तीय राजधानी बना रहेगा लंदन?

ब्रिटेन द्वारा ईयू से अलग होने के बाद वैश्विक अर्थव्यवस्था की राजधानी कहे जाने वाले लंदन को आने वाले दिनों में मुश्किल दौर से गुजरना पड़ सकता है।

By Kishor JoshiEdited By: Published: Sat, 25 Jun 2016 12:48 PM (IST)Updated: Sat, 25 Jun 2016 01:30 PM (IST)
EU से बाहर होने के बाद भी क्या वैश्विक वित्तीय राजधानी बना रहेगा लंदन?

नई दिल्ली। ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से बाहर होने के बाद आने वाले कुछ महीनों में वैश्विक अर्थव्यवस्था को संकट के दौर से गुजरना पड़ सकता है। टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, इन सबके बीच दिग्गज वित्तीय संस्थान एचडीएफसी ने आगे आते हुए 2000 करोड़ रूपये के `मसाला बॉन्ड' निवेश करने का निर्णय लिया है। कंपनी के अध्यक्ष दीपक पारेख ने कहा है कि ब्रिटने में हुई भारी उथलपुथल के बावजूद भी लंदन एक वित्तीय राजधानी बना रहेगा।

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लेकिन लंदन शहर जिस पर सबसे ज्यादा वित्तीय पेशेवरों की नजर है, वो बड़े पैमाने पर ब्रिटेन से बाहर जा सकते हैं। मॉर्गन स्टेनली ने लंदन से 2000 नौकरियों को डबलिन और फ्रैंकपर्ट शिफ्ट करना शुरू कर दिया है जहां यूरोपीय संघ की पहुंच बरकरार रहेगी।

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जेपी मॉर्गन ने भी इस बात का संकेत दिया है कि वह ब्रिटेन में 4000 जॉब्स की कटौती कर सकता है वहीं एचएसबीसी भी एक हजार जॉब्स की कटौती कर इसे पेरिस शिफ्ट कर सकती है। बैंकरों का कहना है कि ड्यूश और बीएनपी जैसे कुछ बड़े यूरोपीय बैंक जिनका मुख्यालय लंदन में है, वो क्रमश: जर्मनी और फ्रांस का रूख कर सकते हैं। ये वो बैंक है जिनका मुख्यालय तो लंदन में हैं लेकिन ब्रिटेन के यूरोपीय संघ का सदस्य होने के कारण इन बैंकों में सभी यूरोपीय देशों की आसान पहुंच थी।

लंदन विश्व का वह स्थान है जहां विश्व में सर्वाधिक मात्रा में यूरो की ट्रेडिंग होती है। एक दिन में यहां 2 ट्रिलियन डॉलर की ट्रेडिंग होती है। जनमत संग्रह होने से पूर्व लॉयड्स ऑफ लंदन (लंदन की एक बीमा कंपनी) ने कहा था कि यह ईयू में ब्रिटेन की सदस्यता ही थी जो इंश्योरेंस मार्केट की सफलता का कारण बना था। ब्रेक्जिट वोट पर एक अधिकारी ने बताया, "जब हम लंदन के इंश्योरेंस बाजार के संदर्भ में देखते हैं, तो ईयू में ब्रिटेन की सदस्यता से तीन मुख्य फायदे थे- एकल बाजारों में आसान पहुंच, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को प्रोत्साहन और यूरोपीय संघ से बाहर के देशों के साथ व्यापार सुविधाएं।"

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अन्य अमेरिकी संस्थानों के अलावा, गोल्डमैन सैक्स, बैंक ऑफ अमेरिका और सिटीग्रुप के भी संकेत दिया है कि वे ब्रेक्जिट मतदान के बाद ब्रिटेन में कर्मचारियों की संख्या में कटौती कर सकते हैं।


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