वाइब्रेंट गुजरातः 25 लाख करोड़ के निवेश का वादा
देश-विदेश के कॉरपोरेट जगत ने सातवें वाइब्रेंट गुजरात निवेशक सम्मेलन में 25 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के निवेश का वादा किया है। मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने इन चौंकाने वाले आंकड़ों की घोषणा करते हुए बताया कि दो दिनों में रिकॉर्ड 21 हजार सहमति पत्रों (एमओयू) पर हस्ताक्षर हुए।
शत्रुघ्न शर्मा, गांधीनगर। देश-विदेश के कॉरपोरेट जगत ने सातवें वाइब्रेंट गुजरात निवेशक सम्मेलन में 25 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के निवेश का वादा किया है। मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने इन चौंकाने वाले आंकड़ों की घोषणा करते हुए बताया कि दो दिनों में रिकॉर्ड 21 हजार सहमति पत्रों (एमओयू) पर हस्ताक्षर हुए। इसी तरह 1,225 रणनीतिक करार हुए। उन्होंने इस बार हुए सम्मेलन को सबसे बड़ा करार दिया है। यह हर दो साल में होता है। पिछले सम्मेलन में 17 हजार एमओयू के साथ 12 लाख करोड़ रुपये के निवेश की प्रतिबद्धता जताई गई थी।
मुख्यमंत्री ने निवेश का वादा करने वाली प्रत्येक कंपनी का ब्योरा नहीं दिया, लेकिन तमाम कंपनियों की ओर से इस बाबत एलान किए गए। इनमें रिलायंस इंडस्ट्रीज, अडानी ग्रुप, आदित्य बिड़ला समूह, सुजलॉन व वीडियोकॉन शामिल हैं। रियो टिंटो, सुजुकी व सीएलपी होल्डिंग जैसी विदेशी कंपनियों ने भी निवेश की राशि का खुलासा किया। इस निवेश से गुजरात में लाखों रोजगार पैदा होंगे।
हाल में संपन्न पश्चिम बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट में निवेश के लिए घोषित राशि के मुकाबले वाइब्रेंट की रकम दस गुना ज्यादा है। रविवार को ऊर्जा क्षेत्र में 25 हजार करोड़ के निवेश का एलान करने के बाद सोमवार को अडानी ग्रुप ने राज्य में बंदरगाहों के लिए में 20 हजार करोड़ के निवेश की घोषणा की। बीते रोज ही मुकेश अंबानी ने एक लाख करोड़ व बिड़ला ग्रुप ने 20 हजार करोड़ के निवेश का वादा किया था।
आनंदीबेन ने सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री की मौजूदगी ने दुनिया भर में इसके प्रति उत्सुकता पैदा कर दी। दुनिया के 110 देशों के 25 हजार उद्यमियों व कारोबारियों ने इसमें शिरकत की। एमओयू पर अमल के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिशानिर्देश में एक समिति का गठन होगा। दुनिया के देशों ने गुजरात व भारत पर भरोसा जताते हुए सम्मेलन में भाग लिया।
कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर), कौशल विकास व जैव विविधता जैसे क्षेत्र में भी निवेश के प्रस्ताव मिले हैं। देश में नई सरकार के गठन के बाद दुनिया के देशों में भारत के प्रति विश्वास जगा है। दुनिया भर के लोग भारत की ओर उम्मीद भरी निगाह से देख रहे हैं। केंद्र सरकार के स्वच्छता मिशन, डिजिटल इंडिया व मेक इन इंडिया के सपने को पूरा करने के लिए यह सम्मेलन मील का पत्थर साबित होगा।
मोदी के नक्शेकदम पर आनंदीबेनः
प्रधानमंत्री मोदी की तरह ही आनंदीबेन पटेल ने भी सलाह व सुझाव आमंत्रित किए हैं। उन्होंने कहा कि लोग उनके साथ नए विचार वेब, सोशल मीडिया या पत्र के जरिये साझा कर सकते हैं। युवाओं में ज्ञान व काम करने का उत्साह भरपूर है। विश्व मंच की कमी थी। उसे वाइब्रेंट ने पूरा कर दिया है। भारत सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं के लिए भी यह सम्मेलन सहयोगी साबित होगा।