'शहरीकरण के लिए जमीन छोड़ना नुकसानदायक नहीं'
विश्व बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि भारत की शहरीकरण की अधिकांश जरूरतें सिर्फ 4-5 प्रतिशत कृषि जमीन को अलग रखकर पूरी की जा सकी हैं लेकिन औद्योगिकीकरण के लिए जमीन देने के मुद्दे पर अत्यधिक 'संवेदनशीलता' के चलते वहां भूमि अधिग्रहण विधेयक का पारित होना कठिन
न्यूयॉर्क। विश्व बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि भारत की शहरीकरण की अधिकांश जरूरतें सिर्फ 4-5 प्रतिशत कृषि जमीन को अलग रखकर पूरी की जा सकी हैं लेकिन औद्योगिकीकरण के लिए जमीन देने के मुद्दे पर अत्यधिक 'संवेदनशीलता' के चलते वहां भूमि अधिग्रहण विधेयक का पारित होना कठिन हो गया है।
विश्व बैंक के कार्यकारी निदेशक (भारत, बांग्लादेश, भूटान व श्रीलंका) सुभाष चंद्र गर्ग ने यहां भारत में सुधारों पर यह बात कही। उन्होंने कहा,' हम शहरीकरण के लिए कृषि जमीन देने के मुद्दे पर कुछ ज्यादा ही भावुक हो गए हैं। उन्होंने कहा कि भारत उन देशों में से एक है जिनके पास सबसे अधिक कृषि योग्य भूमि है। इसके साथ ही गर्ग ने यह तर्क दिया कि इस भूमि का कुछ प्रतिशत शहरीकरण या औद्योगिकीकरण के लिए देना हानिकारक नहीं होगा।
उन्होंने कहा कि ' यह अनुमान है कि अगर भारत अपनी कृषि भूमि का चार-पांच प्रतिशत हिस्सा ही अलग कर लेता है तो उसकी शहरीकरण व औद्योगिकीकरण की ज्यादातर जरूरतें पूरी हो सकती हैं।'