भारतीय नोटों पर हस्ताक्षर नहीं कर पाए ये दो आरबीआई गवर्नर, जानिए इनके बारे में
शायद आपको यह बात जानकर हैरानी होगी कि आरबीआई के इतिहास में ऐसे दो गवर्नर भी रहे हैं जिन्हें भारतीय नोटों पर हस्ताक्षर करने का मौका नहीं मिला।
नई दिल्ली: 1 रुपए के नोट (वित्त सचिव हस्ताक्षर करता है) को अगर छोड़ दिया जाए तो बाकी अन्य सभी नोटों पर आरबीआई गवर्नर के हस्ताक्षर होते हैं। हाल ही में यह खबर सामने आई थी कि भारतीय रिजर्व बैंक जल्द ही 20 रुपए के नोट जारी करेगा, जिसमें नए गर्वनर उर्जित पटेल के हस्ताक्षर होंगे, जिन्होंने बीते 4 सितंबर को ही पूर्व गर्वनर रघुराम जी राजन की जगह ली है। लेकिन शायद आपको यह बात जानकर हैरानी होगी कि आरबीआई के इतिहास में ऐसे दो गवर्नर भी रहे हैं जिन्हें भारतीय नोटों पर हस्ताक्षर करने का मौका नहीं मिला। जानिए कौन थे वो दो आरबीआई गवर्नर जो भारतीय नोटों पर हस्ताक्षर नहीं कर पाए।
के जी अंबेगाओंकर (K. G. Ambegaokar):
के जी अंबेगाओंकर भारतीय रिजर्व बैंक के पांचवें गवर्नर थे। उन्होंने बतौर गवर्नर 14 जनवरी 1957 से 28 फरवरी 1957 तक आरबीआई को अपनी सेवाएं दीं। यानी वो सिर्फ 45 दिन तक ही आरबीआई गवर्नर रहे। आरबीआई में डिप्टी गवर्नर बनने से पहले वो बतौर वित्त सचिव भी भारत सरकार को अपनी सेवाएं दे चुके थे। बेनेगल रामा राऊ के इस्तीफे के बाद वो गवर्नर बने। बतौर आरबीआई गवर्नर उनके हस्ताक्षर किसी भी भारतीय नोट पर नहीं देखे गए। हालांकि 1 रुपए के भारतीय नोट पर उनके हस्ताक्षर देखे गए, लेकिन एक रुपए के नोट पर वित्त सचिव के हस्ताक्षर होते है और इसे वित्त मंत्रालय जारी करता है।
ओसबोर्न स्मिथ (Sir Osborne smith):
सर ओसबोर्न आरकेल स्मिथ भी ऐसे भारतीय गवर्नर रहे हैं जो भारतीय नोटों पर हस्ताक्षर नहीं कर पाए। वो आरबीआई के पहले गवर्नर थे। उनका कार्यकाल 1 अप्रैल 1935 से 30 जून 1937 (2 साल 90 दिन) तक चला। वो एक पेशेवर बैंकर थे और उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के कॉमनवेल्थ बैंक में 20 साल एवं न्यू साउथ वेल्स बैंक में 10 साल की सेवाएं दी थीं। साल 1926 में वो इंपीरियल बैंक ऑफ इण्डिया के प्रबंधक गवर्नर भी बने। अपने कार्यकाल (आरबीआई गवर्नर) में उन्होंने किसी बैंक नोट पर हस्ताक्षर नही़ किए।