चीन की चिंता में डूबा दलाल स्ट्रीट, सेंसेक्स 538 अंक भरभराया
चीन समेत एशिया के कई बाजारों में आई गिरावट का असर भारतीय शेयर बाजार पर भी देखने को मिला। सुबह सेंसेक्स में करीब 100 अंकों की गिरावट के साथ बाजार खुला और देखते-देखते ही सेंसेक्स 400 अंकों से ज्यादा टूट गया।
मुंबई। दलाल स्ट्रीट में हफ्ते की शुरुआत मायूसी के साथ हुई। चीन के बिगड़ते आर्थिक हालात के अलावा सऊदी अरब व ईरान में बढ़ी तनातनी ने निवेशकों में घबराहट पैदा कर दी। उन्होंने शेयरों में चौतरफा बिकवाली की। इससे सोमवार को बंबई शेयर बाजार (बीएसई) का सेंसेक्स 537.55 अंक भरभराकर 26 हजार अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर के नीचे पहुंच गया। यह संवेदी सूचकांक इस दिन तीन माह के निचले स्तर 25623.35 अंक पर बंद हुआ।
इसी प्रकार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी भी 171.90 अंक लुढ़ककर 7791.30 अंक पर पहुंच गया। इस गिरावट में निवेशकों को 1.54 लाख करोड़ रुपये की चपत लगी।
दिसंबर में मैन्यूफैक्चरिंग उत्पादन में गिरावट का भी घरेलू बाजार की कारोबारी धारणा पर प्रतिकूल असर पड़ा। डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत में तेज गिरावट ने भी निवेशकों का मनोबल घटाया। लंबी छुट्टियों के बाद खुले एशियाई बाजार चीन के औद्योगिक उत्पादन में लगातार पांचवें माह गिरावट देख सकते में आ गए। शंघाई इंडेक्स सात फीसद से ज्यादा लुढ़क गया। यह नौबत आ गई कि बाकी दिनों के लिए ट्रेडिंग रोकनी पड़ी। घरेलू शेयर बाजार भी इससे प्रभावित हुआ। ईरान और सऊदी अरब के बीच रिश्तों का बिगड़ना गिरावट की अन्य अहम वजह रहा।
तीस शेयरों वाला सेंसेक्स इस दिन 26116.52 अंक पर खुला। इसका ऊंचा स्तर भी यही रहा। शुरू से ही बाजार को मंदडि़यों ने अपनी गिरफ्त में ले लिया। अंतिम कारोबारी घंटों में इनकी तेज बिकवाली के झोंके में सेंसेक्स ने 25596.57 अंक का निचला स्तर छुआ।
बीएसई के सभी सूचकांक गिरावट के साथ बंद हुए। इस एक्सचेंज पर सूचीबद्ध कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण 100 लाख करोड़ रुपये के स्तर से नीचे आ गया। टेलीकॉम, बैंकिंग, एनर्जी, कैपिटल गुड्स और हेल्थकेयर खंड की कंपनियों के शेयरों को बिकवाली की ज्यादा मार पड़ी। सेंसेक्स की तीस कंपनियों में 27 के शेयर गिरे, जबकि तीन में बढ़त दर्ज की गई।
रुपया 47 पैसे कमजोर
मुंबई। रुपये की कीमत में सोमवार को तेज गिरावट आई। डॉलर के मुकाबले भारतीय मुद्रा 47 पैसे लुढ़ककर दो हफ्ते के निचले स्तर पर पहुंच गई। अमेरिकी मुद्रा की तुलना में रुपया 66.62 के स्तर पर बंद हुआ। आयातकों और बैंकों की ओर से डॉलर की मांग बढ़ने का रुपये की कीमत पर प्रतिकूल असर पड़ा।