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सत्यम के अधिकारी पर 65 लाख का जुर्माना

पूंजी बाजार नियामक सेबी ने सत्यम कंप्यूटर्स के एक अधिकारी पर 65 लाख रुपये का जुर्माना ठोका है। कंपनी के निवेशक संपर्क [इन्वेस्टर रिलेशन] विभाग के प्रमुख टीएएन मूर्ति को वित्त वर्ष 200

By Edited By: Published: Fri, 21 Dec 2012 09:14 PM (IST)Updated: Mon, 30 Mar 2015 06:40 PM (IST)

मुंबई। पूंजी बाजार नियामक सेबी ने सत्यम कंप्यूटर्स के एक अधिकारी पर 65 लाख रुपये का जुर्माना ठोका है। कंपनी के निवेशक संपर्क [इन्वेस्टर रिलेशन] विभाग के प्रमुख टीएएन मूर्ति को वित्त वर्ष 2008-09 के दौरान भेदिया कारोबार नियमों के उल्लंघन का दोषी पाया गया है। महिंद्रा समूह द्वारा अधिग्रहण किए जाने के बाद इस कंपनी का नाम अब महिंद्रा सत्यम हो गया है।

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भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड [सेबी] ने कहा है कि मूर्ति सत्यम कंप्यूटर्स द्वारा मेटास इन्फ्रा लिमिटेड और मेटास प्रॉपर्टीज लिमिटेड के अधिग्रहण के समय कीमत संबंधी संवेदनशील जानकारी छुपाने में शामिल रहे हैं। उन्होंने इसका प्रकाशन न कर भेदिया कारोबार के नियमों का उल्लंघन किया है। दोनों कंपनी सत्यम के संस्थापक रामालिंगा राजू के बेटों की थी। सत्यम में इनके विलय से पहले ही कंपनी के शेयरों में उछाल आना शुरू हो गया था।

सेबी के मुताबिक मूर्ति को इस अधिग्रहण के बारे में जानकारी थी और उसने इसका फायदा उठाया। 15 दिसंबर, 2008 को उसने सत्यम के 14,500 शेयर बेचकर मोटा मुनाफा कमाया। शेयर बाजार और सेबी को इस अधिग्रहण की जानकारी इसके एक दिन बाद यानी 16 दिसंबर को दी गई थी। शेयर बाजार को विलय संबंधी जानकारी मिलते ही सत्यम के शेयरों में गिरावट आनी शुरू हो गई है। 17 दिसंबर को इसका शेयर 33.5 फीसद गिर गया। अगर इस तारीख को मूर्ति अपने शेयर बेचते तो उन्हें 21.54 लाख रुपये का घाटा उठाना पड़ता। सत्यम घोटाला सामने आने के बाद सेबी ने वित्त वर्ष 2008-09 के दौरान कंपनी के शेयरों में हुए कारोबार का विस्तृत विश्लेषण किया तो यह तथ्य सामने आया।

इंडियाबुल्स के वीपी पर पांच साल की पाबंदी

मुंबई। सेबी ने इंडियाबुल्स सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसीडेंट [वीपी] पर शेयर बाजार में कारोबार करने पर पांच साल की पाबंदी लगा दी है। उसे अरबिंदो फार्मा के शेयरों में हेराफेरी करने का दोषी पाया गया है।

सेबी ने अपनी जांच में पाया कि इंडियाबुल्स सिक्योरिटीज के वीपी [पूर्वी क्षेत्र] सिद्धार्थ डागा ने एक ग्राहक के ट्रेडिंग अकाउंट से उसकी बगैर मंजूरी के अरबिंदो के शेयरों के लिए ऑर्डर दिया था। सेबी के नियमों के मुताबिक उसका यह कृत्य धोखाधड़ी में शुमार है। डागा को इस ग्राहक के अकाउंट का पासवर्ड कंपनी के रिलेशनशिप मैनेजर अभिजीत सेन ने दिया था। सेन ने अपना जुर्म स्वीकार करते हुए सेबी को बताया कि पहले उसने पासवर्ड देने से इंकार कर दिया था। उसके बाद डागा ने उसे पत्र लिखकर नतीजा भुगतने की धमकी दी थी।


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