बैंकों को मिलेगी ब्याज दरों में भेद करने की आजादी
टर्म डिपॉजिट के मामले में मैच्योरिटी की सुविधा लेने पर ब्याज दर कम रहेगी।
मुंबई। एक नई व्यवस्था के तहत जल्द 15 लाख रुपए से अधिक रकम बैंकों में रखने पर ज्यादा ब्याज मिल सकता है। शर्त यह होगी कि मैच्योरिटी से पहले निकासी न की जाए।
रिजर्व बैंक की तरफ से गुरुवार को कहा गया कि बैंकों के पास अलग-अलग ब्याज दरों की पेशकश करने का अधिकार होगा। यह पेशकश सावधि जमा रकम (टर्म डिपॉजिट) पर की जाएगी। मैच्योरिटी से पहले निकासी की सुविधा वाले टर्म डिपॉजिट पर कम ब्याज दर और इस सुविधा के बगैर टर्म डिपॉजिट पर अधिक ब्याज दर जैसे विकल्प होंगे।
रिजर्व बैंक के मुताबिक 15 लाख और इससे कम के सभी व्यक्तिगत टर्म डिपॉजिट (अकेले या संयुक्त रूप से) के मामले में मैच्योरिटी से पहले निकासी की सुविधा जरूर होनी चाहिए। 15 लाख रुपए से अधिक के सभी टर्म डिपॉजिट की पेशकश बगैर इस सुविधा के की जा सकती है।
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ब्याज दरों की घोषणा पहले
आरबीआई की तरफ से कहा गया है कि बैंकों को डिपॉजिट पर निर्धारित ब्याज दरों की घोषणा पहले ही कर देनी चाहिए, ताकि सभी जमा रकम पर निश्चित रूप से वही ब्याज दरें मिल सकें, जिनकी जानकारी प्रकाशित की गई थी।बिजनेस की अन्य खबरों के लिए यहां क्लिक करें
बोर्ड की मंजूरी जरूरी
आरबीआई के मुताबिक डिपॉजिट्स (अलग-अलग ब्याज दरों वाले डिपॉजिट समेत) पर ब्याज दरों के मामले में सभी बैंकों की स्पष्ट नीति होनी चाहिए, जिसे निदेशक मंडल की तरफ से मंजूरी मिली हुई हो। यह भी पक्का करना होगा कि ब्याज दरें तर्कसंगत, उचित और पारदर्शी हों।बिजनेस की अन्य खबरों के लिए यहां क्लिक करें