दाल अौर प्याज ने बढ़ाई अक्टूबर में महंगाई
प्याज और दालों की बढ़ी कीमत ने थोक मूल्यों पर आधारित महंगाई की दर में अक्टूबर में मामूली वृद्धि दर्ज की गई है। अलबत्ता यह अभी भी शून्य से काफी नीचे बनी हुई है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। प्याज और दालों की बढ़ी कीमत ने थोक मूल्यों पर आधारित महंगाई की दर में अक्टूबर में मामूली वृद्धि दर्ज की गई है। अलबत्ता यह अभी भी शून्य से काफी नीचे बनी हुई है। बीते महीने यह शून्य से 4.54 फीसद नीचे थी जो अक्टूबर में शून्य से 3.81 फीसद नीचे हो गई है।
थोक मूल्यों पर आधारित महंगाई की दर पिछले साल नवंबर से ही शून्य से नीचे बनी हुई है। बीते साल अक्टूबर में यह 1.66 फीसद थी। अक्टूबर में महंगाई की दर में बदलाव प्याज और दालों की कीमतों के बढ़े दामों की वजह से आया है। दालों की महंगाई दर इस महीने 52.98 फीसद रही है तो प्याज की महंगाई दर अक्टूबर में 85.66 फीसद रही है। वैसे इन दोनों वस्तुओं के दामों में वृद्धि के बावजूद खाद्य उत्पादों के वर्ग की थोक महंगाई दर में बहुत अधिक बदलाव नहीं आया है।
पढ़ेंः देश में महंगाई चरम पर
वाणिज्य मंत्रालय द्वारा जारी थोक महंगाई के आंकड़ों के मुताबिक सब्जियों की कीमतों में अक्टूबर में 2.56 फीसद वृद्धि हुई है। जबकि बीते वर्ष के इसी महीने में सब्जियों की महंगाई दर शून्य से 19.37 फीसद नीचे थी। प्याज और दालों के अलावा जिन खाद्य उत्पादों की थोक कीमतों में वृद्धि हुई है उनमें दूध और गेहूं भी शामिल हैं। हालांकि आलू की कीमतें अक्टूबर में शून्य से 58.95 फीसद नीचे चली गई है।
पढ़ेंः महंगाई पर भारी पड़ी आस्था
रिजर्व बैंक अगले महीने पहली तारीख को मौद्रिक नीति की समीक्षा करेगा। इस समीक्षा के दौरान रिजर्व बैंक अक्टूबर महीने के थोक महंगाई आंकड़ों के मुताबिक कदम उठाएगा। जानकारों की राय में रिजर्व बैंक की तरफ से ब्याज दरों में किसी बदलाव की गुंजाइश नहीं है।
उद्योग संगठनों का मानना है कि आने वाले महीनों में थोक महंगाई की दरें और बढ़ सकती हैं। ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी के चलते मैन्यूफैक्चरिंग उत्पादों पर इसका असर पड़ेगा। उद्योग चैंबर एसोचैम का मानना है कि पेट्रोल डीजल पर उत्पाद शुल्क में वृद्धि और सेवा कर पर स्वच्छता सेस का असर नवंबर की थोक महंगाई दर पर दिखेगा। अलबत्ता सीआइआइ का मानना है कि कमोडिटी की कीमतों में नरमी बने रहने से थोक महंगाई की दर में बहुत बड़े बदलाव की उम्मीद नहीं है।