Move to Jagran APP

इस वर्ष आलू का भंडारण अधिक

इस वर्ष अधिक उत्पादन की वजह से आलू उत्पादकों एवं किसानों को भारी हानि पहंचा रहा है। गत वर्ष आलू में तेजी रही थी। प. बंगाल सरकार ने कुछ समय के लिए राज्य से निकासी पर रोक लगा दी थी। इस वर्ष अधिक भाव लेने की आशा में किसानों ने

By Rajesh NiranjanEdited By: Published: Fri, 31 Jul 2015 05:10 PM (IST)Updated: Fri, 31 Jul 2015 05:17 PM (IST)
इस वर्ष आलू का भंडारण अधिक

नई दिल्ली। इस वर्ष अधिक उत्पादन की वजह से आलू उत्पादकों एवं किसानों को भारी हानि पहंचा रहा है। गत वर्ष आलू में तेजी रही थी। प. बंगाल सरकार ने कुछ समय के लिए राज्य से निकासी पर रोक लगा दी थी। इस वर्ष अधिक भाव लेने की आशा में किसानों ने शीतगृहों में आलू रखा। अब स्थिति यह हो गई है कि उन्हें शीतगृह का खर्च जोड़कर लागत भी वसूल नहीं हो रही है। इस वर्ष आलू का उत्पादन 415 लाख टन के मुकाबले 449 लाख टन होने का अनुमान है।

loksabha election banner

राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान के अनुसार वर्तमान में किसानों को आलू की लागत भर निकल रही है। उप्र में इस वर्ष 250 लाख टन आलू का भंडारण हुआ है, जबकि पिछले वर्ष 200 से 225 लाख टन का हुआ था। सभी राज्यों में जोरदार उत्पादन से इस वर्ष आलू सस्ता बिक रहा है। उप्र के शीतगृहों में रखा अधिकांश आलू किसानों का है।

कपास की बोवनी 99 लाख हेक्टेयर में

नई दिल्ली। कृषि मंत्रालय के अनुसार 24 जुलाई तक देश में कपास की बोवनी 99 लाख हेक्टेयर में हो चुकी थी। आंध्र, तेलंगाना तरफ समर्थन भावों पर खरीदी से किसान बोवनी के प्रति अधिक उत्साहित है। इस वर्ष कपास की कुल बोवनी 1016 से 1020 लाख हेक्टेयर में होने की उम्मीद है। वर्ष 2014-15 में भारत से रुई का निर्यात चीन को 26 लाख गठान हुआ जबकि एक वर्ष पूर्व 61 लाख गठान का हुआ था।

भारतीय रुई में बांग्लादेश के बाद थाईलैंड से भी सौदा हो सकता है। थाईलैंड की एक मिल रुई खरीदी में दिलचस्पी ले रही है। इस मिल को सैंपल भी भेजे जा चुके हैं। थाईलैंड में रुई की खपत 5-6 लाख गठान के आसपास है।

तिल में मंदी संभव

हैदराबाद। कर्नाटक के उत्पादक केंद्रों पर आवक का दबाव बढ़ने तथा घरेलू मिलर्स सहित निर्यात मांग कमजोर रहने से तिल के भावों में पिछले दिनों 100 से 200 रुपये की मंदी रही। वर्तमान में कमजोर ग्राहकी और अधिक उत्पादन की वजह से भावों में कुछ और गिरावट आ सकती है। आंध्र के चिपरूपल्ली, विजयनगरम लाइनों में स्टॉक का माल बिक रहा है। तमिलनाडु-गुजरात में तिल की आवक बनी हुई है। कर्नाटक के मैसूर में नया तिल आने लगा है।

[साभार: नई दुनिया]

बिजनेस सेक्शन की अन्य खबरों के लिए यहां क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.