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सर्राफा बाजार में अफरातफरी, जानें आपके मन में आने वाले हर एक सवाल का जवाब

कालेधन पर लगाम लगाने के लिए बड़े नोट बंद करने के सरकार के फैसले के बाद देशभर सर्राफा बाजार में अफरा-तफरी मच गई।

By Praveen DwivediEdited By: Published: Sat, 12 Nov 2016 02:20 PM (IST)Updated: Sat, 12 Nov 2016 03:18 PM (IST)

नई दिल्ली: कालेधन पर लगाम लगाने के लिए बड़े नोट बंद करने के सरकार के फैसले के बाद देशभर सर्राफा बाजार में अफरा-तफरी मच गई। तमाम सर्राफा बाजारों से ढेड़-ढेड़ गुने दामों पर सोना खरीदने की खबरें आने लगी। इसके बाद सरकार ने देशभर के ज्वैलर्स के खिलाफ कड़े कदम उठाए। इस बीच www.jagran.com ने कमोडिटी बाजार को बारिकी से समझने वाले विशेषज्ञ अजय केडिया से सर्राफा बाजार में मची अफरा-तफरी की वजह, सोने का ढेड़ गुने दामों पर बिकने का कारण और इस सबके बीच छोटे निवेशकों के लिए सही रणनीति जानने की कोशिश की।

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क्यों चढ़ी सोने की कीमतें?

केडिया कमोडिटी के मैनेजिंग डायरेक्टर अजय केडिया के मुताबिक सरकार की ओर से बड़े नोटों को बंद करने के बाद लोगों ने घर में पड़ी नकदी से सोना खरीदना शुरू किया। लोगों को अनुमान था कि सरकार 30 फीसदी टैक्स के ऊपर 10 से 15 फीसदी की पेनल्टी लगाएगी। ऐसे में लोगों ने बाजार की कीमत से 45 फीसदी प्रीमिय तक सोना खरीदा। 8 नवंबर को सरकार की ओर से लिए गए फैसले के बाद 9 नवंबर को सोने के भाव वायदा बाजार में 31376 तक चले गए थे। इस तरह 31376 + 45% = 45495 रुपए प्रति 10 ग्राम तक सोना खरीद रहे थे। लेकिन अगले ही दिन सरकार ने 200 फीसदी पेनल्टी लगाने का निर्देश दिया।

सर्राफा बाजार में क्यों मची अफरा-तफरी?

केडिया के मुताबिक जितनी बड़ी मात्रा बाजार में अचानक मांग निकली उतना सोना बाजार में उपलब्ध नहीं था। ऐसे में कीमते आनन फानन में बढ़ने लगीं और बाजार में अफरा-तफरी का माहौल बन गया और वायदा बाजार की कीमत से ढेड़ गुने दाम तक सोना हाजिर बाजार में बिकने लगा। गौरतलब है कि सोने के आयात में इस तिमाही में रिकॉर्ड कमी आई थी।

फिर क्यों टूटे सोने के भाव?

बड़े नोट बंद कर देने के बाद सरकार ने 200 फीसदी पेनल्टी लगाने का भी फैसला लिया लेकिन दूसरी तरफ देशभर से ब्लैक में सोने की खरीदारी की खबरों के बाद तमाम ज्वैलर्स पर कड़ी कार्रवाही की। देशभर में 600 से ज्यादा ज्वैलर्स से केन्द्रीय उत्पाद शुल्क खुफिया महानिदेशालय ने सोने की बिक्री की डिटेल साझा करने को कहा। वहीं एक्साइज डिपार्टमेंट की ओर से देशभर के 125 बड़े ज्वैलर्स की जांच शुरू की गई। इसके अलावा इंकम टैक्स और एक्साइज डिपार्टमेंट की टीम देशभर में छापेमारी कर रही हैं। सरकार की इस सख्त कार्रवाही के नतीजतन सोने की कीमतों में नरमी देखने को मिली।

क्या करें छोट निवेशक?

अजय केडिया का मानना है कि यदि छोटे निवेशकों को सोना निवेश के लिए खरीदना है तो उन्हें थोड़ा इंतजार करना चाहिए। सोने के फंडामेंटल कमजोर हैं और अंतरराष्ट्रीय बाजार से प्रभावित हैं। ऐसे में उन्हें सोना खरीदने के लिए थोड़ा इंतजार करना चाहिए। यह खरीदारी भी उन्हें गोल्ड बॉण्ड, वायदा बाजार या गोल्ड ईटीएफ जैसे विकल्पों में करनी चाहिए।

गहनों की खरीदारी करनी हो तो?

केडिया का मानना है कि अगर आपको गहनों की भी खरीदारी करनी है तो बाजार की उथल-पुथल को शांत होने का इंतजार करना चाहिए। हाजिर बाजार के भाव भी वायदा बाजार की तर्ज पर ही काम करते हैं। ऐसे में अगर कमजोर फंडामेंटल की वजह से वायदा बाजार में गिरावट आएगी तो निश्चित तौर पर हाजिर बाजार में भी कीमतें कम होंगी। गौरतलब है कि शुक्रवार को एमसीएक्स पर सोने की कीमतों में 504 रुपए की गिरावट देखने को मिली और कीमतें 1.6 फीसदी की गिरावट के साथ 29396 रुपए प्रति 10 ग्राम के स्तर पर बंद हुई।


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