अब लीजिए नैनो चाय का मजा
किस्म-किस्म की पत्ती या दानेदार चाय का तो बहुत मजा ले लिया, अब उसी जायके का आनंद नैनो चाय में उठाइये। यह ऐसी हर्बल चाय है, जो चाय की पत्तियों से नहीं, खाने-पीने की चीजों से तैयार की गई है। न इसमें कैफीन है, न ही टेनिन। किसी पेस्टिसाइड का भी कोई खतरा नहीं। इसे ईजाद किया है, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) क
अलीगढ़ [संतोष शर्मा]। किस्म-किस्म की पत्ती या दानेदार चाय का तो बहुत मजा ले लिया, अब उसी जायके का आनंद नैनो चाय में उठाइये। यह ऐसी हर्बल चाय है, जो चाय की पत्तियों से नहीं, खाने-पीने की चीजों से तैयार की गई है। न इसमें कैफीन है, न ही टेनिन। किसी पेस्टिसाइड का भी कोई खतरा नहीं। इसे ईजाद किया है, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के वैज्ञानिकों ने। दुनिया में पहली बार खोजे गए चाय के इस विकल्प को पेटेंट कराने की तैयारी हो चुकी है।
नैनो तकनीक पर शोध के धमाके करने वाले एएमयू के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस मैटेरियल साइंसेज (नैनो मैटेरियल्स) की उपलब्धियों में एक और नगीना जड़ गया है। सेंटर के प्रिंसिपल कोऑर्डिनेटर प्रो. एस. आलिम एच नकवी और वैज्ञानिक डॉ. ब्रजराज सिंह ने छह महीने के शोध के बाद हर्बल नैनो चाय तैयार करने में सफलता पाई है। यह ऐसी चाय है, जो चाय की पत्तियों से नहीं, बल्कि खाने-पीने की चीजों से तैयार की गई है।
बेजोड़ गुणवत्ता
हर्बल नैनो चाय की गुणवत्ता भी बेजोड़ है। लखनऊ के नेशनल बॉटनिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (एनबीआरआई) में नैनो चाय की एंटी ऑक्सीडेंट एक्टिविटी की जांच कराई थी। यह ग्रीन या ब्लैक-टी के मुकाबले बेहतर पाई गई है। शोध टीम चाय का बायो सेफ्टी टेस्ट भी कराने जा रही है। एएमयू कुलपति जमीर उद्दीन शाह ने इसकी हरी झंडी दे दी है। यह जांच इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टाक्सिकोलॉजिकल रिसर्च (आइआइटीआर) में होती है। इसमें 12 लाख रुपये खर्च बैठता है।
सस्ती व जायकेदार
नैनो चाय न सिर्फ सस्ती है, बल्कि जायकेदार भी है। शोध टीम का दावा है कि 100 रुपये में 2000 कप चाय तैयार हो जाएगी। यानी पांच पैसे में एक कप। इसे सामान्य चाय की तरह ही बनाया जाएगा। लिक्विड के साथ इसे सॉलिड फॉर्म में भी तैयार किया गया है।
हर्बल नैनो चाय अनूठी खोज है। दुनिया में ऐसा कहीं नहीं हुआ है। हमारी चाय का स्वाद भी लाजवाब है। इसके पीने से पेट के रोगों में भी लाभ मिलेगा। शोध को पेटेंट कराने जा रहे हैं।
-प्रो. एस आलिम एच नकवी प्रिंसिपल कोऑर्डिनेटर
नैनो तकनीक के जरिये हमने चाय का विकल्प खोज लिया है। इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है। यह बात जांच में भी साबित हो चुकी है।
-डॉ. ब्रजराज सिंह, वैज्ञानिक