पैकेट देखकर जलेगी सेहत की बत्ती
बाजार में पैसे खर्च कर आप खाने-पीने के जो डिब्बाबंद सामान खरीद रहे हैं उनके अंदर क्या है, यह अब आसानी से समझ में आएगा। ऑस्ट्रेलिया सहित चार देशों में बेहद लोकप्रिय हो चुका मोबाइल एप ‘फूड स्विच’ अब भारत में भी उपलब्ध हो गया है। दुकान में रखे उत्पाद
मुकेश केजरीवाल, नई दिल्ली। बाजार में पैसे खर्च कर आप खाने-पीने के जो डिब्बाबंद सामान खरीद रहे हैं उनके अंदर क्या है, यह अब आसानी से समझ में आएगा। ऑस्ट्रेलिया सहित चार देशों में बेहद लोकप्रिय हो चुका मोबाइल एप ‘फूड स्विच’ अब भारत में भी उपलब्ध हो गया है। दुकान में रखे उत्पाद के पैकेट को स्कैन करते ही यह लाल, पीली या हरी बत्ती जला कर आपको सचेत कर देगा। शुरुआत में इसमें दस हजार उत्पादों की सूचना उपलब्ध होगी।
इसे गैर सरकारी अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य संगठन ‘जार्ज इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल हेल्थ’ ने तैयार किया है। संगठन के अधिकारी बताते हैं कि कानूनन बाध्यकारी होने से कंपनियां उत्पादों पर पोषक तत्वों की उपलब्धता के बारे में लिख तो रही हैं, मगर आम लोगों के लिए उसे समझना अक्सर मुश्किल होता है। इस एप को मोबाइल या टैबलेट में मुफ्त में डाउनलोड कर यह जानकारी उपयोगी और आसान तरीके से हासिल की जा सकती है। इसका उपयोग करने के लिए बाजार में खाने-पीने का कोई सामान खरीदने से पहले उस पर बने बार कोड को फोन के कैमरे से स्कैन करना होगा। ट्रैफिक लाइट की तरह इसमें तीन रंग के संकेत हैं।
लाल संकेत जलने का मतलब होगा कि वह उत्पाद आपके लिए बेहद खतरनाक है। जबकि हरा संकेत उसके सेहतमंद होने का प्रतीक होगा। इसी तरह पीला रंग आपको उससे जुड़े खतरों के बारे में सचेत कर देगा। इतना ही नहीं, यह बाजार में उस श्रेणी में उपलब्ध दूसरे विकल्प के बारे में भी जानकारी देगा।
शुरुआत के तौर पर भारतीय बाजार में उपलब्ध लगभग 10 हजार उत्पादों के आंकड़े इसमें शामिल किए जा चुके हैं। इन उत्पादों का विश्लेषण ‘सेंटर फॉर क्रॉनिक डिजीज कंट्रोल इन इंडिया’ की मदद से किया गया है। इस तैयार करने वाली टीम के प्रमुख प्रोफेसर ब्रुस नील बताते हैं कि सभी देशों में इसमें ज्यादातर आंकड़े क्राउड सोर्स ही किए जा रहे हैं। यानी आम लोग के जरिये ही जमा किए जा रहे हैं।
जिन उत्पादों के आंकड़े इसमें उपलब्ध नहीं हैं, लोग उनकी तस्वीर खींच कर भेज सकते हैं। इससे जुड़ी टीम संबंधित आंकड़ों के साथ उसे भी शामिल कर लेगी। ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, यूनाइटेड किंगडम और दक्षिण अफ्रीका में यह पहले ही काम कर रहा है।