नेस्ले से आठ सौ श्रमिक बाहर
नेस्ले में मैगी का उत्पादन बंद होने के बाद पंतनगर प्लांट (उत्तराखंड) में कार्यरत आठ सौ से अधिक श्रमिकों को कंपनी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। विदेश में भले ही मैगी को क्लीन चिट मिल गई हो, लेकिन एक्सपोर्ट क्वालिटी की पैकिंग न होने के चलते इस प्लांट
उधमसिंहनगर, राहुल पांडेय। नेस्ले में मैगी का उत्पादन बंद होने के बाद पंतनगर प्लांट (उत्तराखंड) में कार्यरत आठ सौ से अधिक श्रमिकों को कंपनी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। विदेश में भले ही मैगी को क्लीन चिट मिल गई हो, लेकिन एक्सपोर्ट क्वालिटी की पैकिंग न होने के चलते इस प्लांट में तैयार पड़ी मैगी को विदेश नहीं भेजा जा सकता है।
नेस्ले कंपनी के पंतनगर प्लांट में मैगी का उत्पादन बंद होने के बाद कंपनी ने अपने यहां ठेकेदार के अधीन कार्यरत करीब आठ सौ श्रमिकों को काम से हटा दिया है। कंपनी में स्थाई रूप से कार्यरत तकरीबन नौ सौ श्रमिक भी काम न होने के चलते हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं।
वहीं देश के तमाम प्लांटों में भंडारित मैगी को अभी भी सीमेंट प्लांट का ईधन ही बनाया जा रहा है। नेस्ले के मीडिया प्रवक्ता हिमांशु मांगलिक के अनुसार जिस मैगी को जलाया जा रहा है, उसमें वही उत्पाद हंै जिसे विदेश में क्लीन चिट मिली है।
उन्होंने बताया कि पंतनगर प्लांट समेत देश के अन्य प्लांटों में जो मैगी भंडारित है उसे रीपैकिंग करना संभव नहीं होगा। इसे हर हाल में नष्ट करना कंपनी की बाध्यता है। मैगी के पंतनगर प्लांट में उत्पादन बंद होने के बाद जिला प्रशासन ने पांच हजार पेटियां फैक्ट्री के गोदाम में ही सीज कर दी थीं। वहीं तीन हजार से अधिक पेटियां बाजार से वापस मंगा ऋषिकेश के गोदाम में भंडारित की गई हैं। इन सभी को कंपनी को नष्ट करना है।