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माइक्रोसॉफ्ट में फिर बड़ी छंटनी का एलान

दुनिया की दिग्गज सॉफ्टवेयर कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने फिर से बड़ी छंटनी का एलान कर दिया है। इस बार 7,800 कर्मियों की छंटनी की जाएगी। इसकी जद में मोबाइल हैंडसेट बिजनेस सेक्शन के सबसे ज्यादा कर्मचारी आएंगे। कंपनी में 1,28,000 कर्मचारी कार्यरत हैं। माइक्रोसॉफ्ट के भारतीय मूल के सीईओ सत्या नडेला

By Rajesh NiranjanEdited By: Published: Wed, 08 Jul 2015 09:51 PM (IST)Updated: Wed, 08 Jul 2015 10:04 PM (IST)
माइक्रोसॉफ्ट में फिर बड़ी छंटनी का एलान

न्यूयॉर्क। दुनिया की दिग्गज सॉफ्टवेयर कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने फिर से बड़ी छंटनी का एलान कर दिया है। इस बार 7,800 कर्मियों की छंटनी की जाएगी। इसकी जद में मोबाइल हैंडसेट बिजनेस सेक्शन के सबसे ज्यादा कर्मचारी आएंगे। कंपनी में 1,28,000 कर्मचारी कार्यरत हैं। माइक्रोसॉफ्ट के भारतीय मूल के सीईओ सत्या नडेला ने कर्मियों को भेजे ईमेल में यह जानकारी दी है। वैसे, यह नहीं बताया गया है कि भारत में इससे कितने कर्मचारी प्रभावित होंगे। सत्या ने जब कंपनी की कमान संभालने के बाद पिछले साल ही 18,000 लोगों को नौकरी से निकालने का एलान किया था।

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कंपनी ने नोकिया के अधिग्रहण और उसके बाद खर्च 7.6 अरब डॉलर (करीब 483.5 अरब रुपये) की राशि को बट्टेखाते में डालने की भी घोषणा की है। कंपनी के आला अफसर कुछ माह से कर्मचारियों की संख्या घटाने को लेकर संकेत दे रहे थे। नडेला ने कहा कि फोन कारोबार के पुनर्गठन के चलते 7.6 अरब डॉलर का इंपेयरमेंट चार्ज को बोझ कंपनी पर पड़ा है। इसके अलावा करीब 8.5 करोड़ डॉलर की राशि पुनर्गठन शुल्क के रूप में भी चुकाना होगा। माइक्रोसॉफ्ट ने बीते साल अप्रैल में नोकिया का मोबाइल डिवाइस एवं सर्विस बिजनेस का 7.2 अरब डॉलर में अधिग्रहण किया था।

पिछले साल माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ का पद संभालने वाले सत्या नडेला ने जून में कंपनी के सभी बिजनेस ग्रुप्स को मेल किया। इसमें चेताया गया था कि जिन क्षेत्रों में सही काम नहीं हो रहा है, उनके मामले में कुछ सख्त फैसला किया जा सकता है। इसी साल जून में माइक्रोसॉफ्ट की ओर से ने कहा गया कि कंपनी ऑनलाइन डिस्प्ले विज्ञापन बिजनेस एओएल को बेच रही है। कुछ समय पहले तक माइक्रोसॉफ्ट को इस बिजनेस से बहुत उम्मीद थी। किसी ने सोचा भी नहीं था कि कंपनी इस बिजनेस से बाहर निकल जाएगी। इसके अलावा स्मार्टफोन के मैदान में भी माइक्रोसॉफ्ट लड़खड़ा रही है। वैसे, टेक्नोलॉजी बिजनेस में मोबाइल डिवाइसेज की अहमियत को देखते हुए इस बात की आशंका नहीं है कि कंपनी यह कारोबार छोड़ देगी। पर्सनल कंप्यूटर के ऑपरेटिंग सिस्टम (ओएस) में विंडोज के जरिये बादशाह बनी यह कंपनी मोबाइल ओएस में फिसड्डी साबित हुई है। मोबाइल ओएस में एंड्रॉयड की 78 फीसद हिस्सेदारी है। एप्पल का आइओएस दूसरे नंबर पर है, जबकि माइक्रोसॉफ्ट का विंडोज आधारित ओएस महज 2.7 फीसद हिस्सेदारी ही हासिल कर पाया है।

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