भारत को दुनिया का ग्रोथ इंजन बनने में लगेगा वक्त
भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार भले ही ज्यादा तेज हो जाए, मगर चीन को हटाकर दुनिया का ग्रोथ इंजन बनने में हमें अभी लंबा वक्त लगेगा। चीन की चिंता में दुनिया भर के बाजारों में मचे कोहराम के बीच रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने एक साक्षात्कार में यह अहम
लंदन। भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार भले ही ज्यादा तेज हो जाए, मगर चीन को हटाकर दुनिया का ग्रोथ इंजन बनने में हमें अभी लंबा वक्त लगेगा। चीन की चिंता में दुनिया भर के बाजारों में मचे कोहराम के बीच रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने एक साक्षात्कार में यह अहम टिप्पणी की है। उन्होंने बीबीसी को दिए इस इंटरव्यू में कहा कि पिछले दिनों शेयर बाजार में जो हुआ है, वह चीन की मंदी का असर है। विशेषज्ञ हालिया संकट से देश को बचाने का श्रेय राजन को दे रहे हैं।
पूरी दुनिया चीन की सुस्ती को लेकर परेशान है। भारत में विशेषज्ञ इसके बड़े असर की बात कर रहे हैं। चीन के चलते पैदा हुई आर्थिक सुस्ती पर राजन का कहना है कि वास्तविक आंकड़ों के बारे में खासी अनिश्चितता है। असल आंकड़े तो सामने आएंगे, मगर दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन की प्रतिकूल घटना का असर दुनिया पर पडऩा स्वाभाविक है। भारत इससे बच नहीं सकता, मगर लेकिन इसका असर बड़े पैमाने पर नहीं होगा। आज दुनिया के किसी भी हिस्से में कोई गड़बड़ होती है तो पूरी दुनिया पर उसका कुछ न कुछ असर पड़ता है। मगर ग्लोबल अर्थव्यवस्था में जो कुछ भी हो रहा है उस सभी का संबंध चीन से है, राजन इसे कतई नहीं मानते हैं।
शेयर बाजार भविष्य की स्थिति पर ही निर्भर है। बाजार में निवेश करने वालों को चीन की अर्थव्यवस्था कमजोर और इसकी रफ्तार सुस्त नजर आई। इस वजह से ही बाजार का यह हाल हुआ। राजन की मानें तो उन्हें नहीं लगता कि भारत वर्ष 1997 जैसे बड़े आर्थिक संकट के कगार पर है। उन्होंने कहा कि हमें अपनी कमजोरी पहचान कर उसे दूर करने की कोशिशें करनी होंगी। राजन के मुताबिक चीन एक बड़ा देश है। वह दुनिया की अर्थव्यवस्था में काफी अहम भी है।