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टिकट बेचकर IRCTC करता है 20,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई

इंडियन रेलवे केटरिंग ऐंड टूरिजम कॉर्प (आईआरसीटीसी) को मार्च 2015 को खत्म हुए साल में ऑनलाइन टिकट बिक्री से 20,000 करोड़ रुपये से भी ज्यादा कमाई हुई है। यह देश की सबसे बड़ी ऑनलाइन रिटेलर फ्लिपकार्ट के टर्नओवर से भी दोगुना है।

By Shashi Bhushan KumarEdited By: Published: Fri, 27 Nov 2015 10:23 AM (IST)Updated: Fri, 27 Nov 2015 10:36 AM (IST)
टिकट बेचकर IRCTC करता है 20,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई

मुंबई। इंडियन रेलवे केटरिंग ऐंड टूरिजम कॉर्प (आईआरसीटीसी) को मार्च 2015 को खत्म हुए साल में ऑनलाइन टिकट बिक्री से 20,000 करोड़ रुपये से भी ज्यादा कमाई हुई है। यह देश की सबसे बड़ी ऑनलाइन रिटेलर फ्लिपकार्ट के टर्नओवर से भी दोगुना है।

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पिछले वित्त वर्ष में आईआरसीटीसी को ऑनलाइन टिकट बिक्री से 20,620 करोड़ रुपये यानी करीब 3 अरब डॉलर की कमाई हुई। यह वित्त वर्ष 2013-14 की 15,410 करोड़ रुपये की कमाई से 34 फीसद अधिक है। एक तरह जहां ऑनलाइन मार्केटप्लेस के कारोबार में जुटी फ्लिपकार्ट, एमेजन और स्नेपडीज जैसी कंपनियां घाटे में चल रही है, वहीं आईआरसीटीसी का शुद्ध मुनाफा 130 करोड़ रुपये रहा जबकि साल भर पहले यह 72 करोड़ था।

आईआरसीटीसी के पब्लिक रिलेशन मैनेजर संदीप दत्ता के मुताबिक, 'आईआरसीटीसी की ई-टिकटिंग ग्रोथ बढ़ने की अहम वजह इसका इंटरफेस और मजबूत प्रोसेस है। पहले आईआरसीटीसी में प्रति मिनट टिकट बुक कराने की क्षमता सिर्फ 2000 टिकट थी जिसे बढ़ाकर अब 7200 कर दिया गया है।' आईआरसीटीसी ने अप्रैल में एक रेकॉर्ड बनाया, जिसके तहत एक दिन में 13.4 लाख ई-टिकटों की बुकिंग हुई थी। 2002 में जब ऑनलाइन बुकिंग शुरू हुई थी तब एक दिन में 27 टिकटें बुक हुई थी। अब 55 फीसदी रेल टिकटों की बुकिंग ऑनलाइन होती है।

इस सरकारी वेबसाइट की इनकम 14 फीसद बढ़कर 1,141 करोड़ रुपये हो गई। इसके अहम जरियों में टिकटों पर लगने वाला सर्विस चार्ज, रेलनीर वॉटर की बिक्री, ऑनबोर्ड केटरिंग सर्विसेज और आउसोर्स्ड केटरिंग वेंडर्स से मिलने वाली लाइसेंस फीस है। यह किसी भी ऑनलाइन मार्केटप्लेस की तरह है, जिसमें प्रॉडक्ट बेचकर हासिल कमाई को नहीं बल्कि उस पर मिलने वाले कमिशन और एडवर्टाइजमेंट से होने वाली रकम को इनकम माना जाता है। टिकटिंग, ट्रैवल और टूरिजम से आईआरसीटीसी को कुल 670 करोड़ रुपये की इनकम होती है। यह फ्लिपकार्ट को शिपिंग फीस और कमिशन से होने वाली 659 करोड़ रुपये से थोड़ा ज्यादा है।

इस बारे में विशेषज्ञों का कहना है कि एकाधिकार, वेब ट्रैफिक और टिकटों की बिक्री ज्यादा होने से आईआरसीटीसी कई ब्रैंड्स को अपने पोर्टल पर आकर्षित कर सकती है। रिटेल कंसल्टेंसी थर्ड आईसाइट के चीफ एग्जिक्यूटिव देवांग्शु दत्ता ने कहा, 'भारतीय आबादी का एक बड़ा हिस्सा आईआरसीटीसी पर भरोसा करता है। लिहाजा कन्जयूमर, फूड और टूरिजम सेक्टर के ब्रैंड इस पोर्टल पर अपने प्रॉडक्ट का विज्ञापन दे सकते हैं या बेच सकते हैं।' इंडिया के ऑनलाइन मार्केटप्लेस में आईआरसीटीसी के मुकाबले में कोई नहीं है। ऐसे में ऐमजॉन ने अगले 2 साल के लिए 18 करोड़ रुपये सालाना गारंटी के साथ रेल पोर्टल के साथ साझेदारी की है। भारत का ई-कॉमर्स मार्केट वित्त वर्ष 2020 तक 100 अरब डॉलर का हो सकता है।

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