Move to Jagran APP

सरकारी खर्च बढ़ा निवेश का माहौल बनाएगी सरकार

विकास और निवेश की रफ्तार बढ़ाने की चुनौती से जूझ रही सरकार इस दिशा में अब खुद पहल करने जा रही है। विदेशी और घरेलू निवेशकों को आकर्षित करने के लिए सरकार इस साल सरकारी खर्च में वृद्धि करने जा रही है। सड़क और रेलवे में एक से दो लाख

By Rajesh NiranjanEdited By: Published: Mon, 25 May 2015 08:04 AM (IST)Updated: Mon, 25 May 2015 09:30 AM (IST)
सरकारी खर्च बढ़ा निवेश का माहौल बनाएगी सरकार

नई दिल्ली, [नितिन प्रधान]। विकास और निवेश की रफ्तार बढ़ाने की चुनौती से जूझ रही सरकार इस दिशा में अब खुद पहल करने जा रही है। विदेशी और घरेलू निवेशकों को आकर्षित करने के लिए सरकार इस साल सरकारी खर्च में वृद्धि करने जा रही है। सड़क और रेलवे में एक से दो लाख करोड़ का अतिरिक्त निवेश इस साल किया जा सकता है। बेहतर राजकोषीय प्रबंधन के चलते सरकार अब इस स्थिति में है कि चालू वित्त वर्ष में बुनियादी ढांचे में बजटीय आवंटन के अतिरिक्त वित्तीय मदद उपलब्ध कराई जा सके। सरकार का मानना है कि सड़क और रेलवे जैसे बुनियादी ढांचागत क्षेत्र में सरकारी खर्च में वृद्धि कर इन दोनों क्षेत्रों में काम की रफ्तार बढ़ाई जा सकती है। ऐसा होता है तो घरेलू और विदेशी निवेशकों को देश में निवेश के लिए प्रोत्साहित किया जा सकेगा।

loksabha election banner

व्यय प्रबंधन में सफलता

बीते वित्त वर्ष में सरकार राजकोषीय घाटे को 4.1 फीसद के लक्ष्य के मुकाबले चार फीसद पर ही रोकने में सफल रही है। इसे पाने के लिए हालांकि सरकार को कठोर व्यय प्रबंधन की नीति अपनानी पड़ी। लेकिन, वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा कहते हैं कि आर्थिक स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए ऐसा करना जरूरी था। खासतौर पर महंगाई की दर को नीचे लाना सरकार की प्राथमिकता थी और व्यय प्रबंधन के जरिये सरकार ऐसा करने में सफल रही। जानकार बताते हैं कि इस कठोर व्यय प्रबंधन का नतीजा यह हुआ कि सरकार चालू वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था में अतिरिक्त निवेश करने में सक्षम है। सार्वजनिक खर्च में वृद्धि से बुनियादी ढांचागत क्षेत्र से जुड़े अन्य सहयोगी उद्योगों यानी सीमेंट, स्टील आदि में मांग बढ़ेगी। इस मांग को पूरा करने के लिए उद्योग को नया निवेश करना होगा। यह चक्रीय व्यवस्था देश की अर्थव्यवस्था में नई मांग के साथ नए निवेश को आकर्षित करने में सफल रहेगी।

कई रुके प्रोजेक्ट फिर शुरू

खर्च और निवेश की रफ्तार बढ़ाने को सरकार ने कई अन्य कदम भी उठाए हैं। इसके तहत रुकी हुई परियोजनाओं की समीक्षा कर कई परियोजनाओं को फिर से चालू किया गया है। सिन्हा ने पिछले दिनों ‘दैनिक जागरण’ से बातचीत में इसका ब्योरा भी दिया था। केंद्र में भाजपा की सरकार बनने के वक्त करीब 77 सड़क परियोजनाएं रुकी हुई थीं। सरकार की समीक्षा के बाद 19 में फिर से काम शुरू हो गया है। उनके वित्त प्रबंधन का मसला भी सुलझ गया है। 35 परियोजनाओं को रद कर दिया गया है। 16 परियोजनाओं पर अभी विचार-विमर्श जारी है।

तेज होगा सड़कें बनाने का काम

सरकार का मानना है कि इन परियोजनाओं के फिर शुरू हो जाने के बाद देश में सड़कें बनाने का काम फिर तेजी पकड़ेगा। संप्रग शासन में सड़क बनाने की रफ्तार दो किलोमीटर प्रति दिन तक आ गई थी जो अब 11 किलोमीटर प्रतिदिन हो गई है। सरकार का लक्ष्य उसे इस साल 18 किलोमीटर प्रतिदिन के स्तर तक ले जाने का है।

श्रम सुधारों के कठिन रास्ते पर आगे बढ़ने की साहसिक पहल

एक इंजेक्शन से ठीक नहीं हो सकती 60 साल की बीमारी: वीके सिंह


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.