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इंफोसिस ने दिया ममता सरकार को अल्टीमेटम

देश की दूसरी सबसे बड़ी आइटी कंपनी इंफोसिस लिमिटेड की सालों से अटकी राजारहाट परियोजना को लेकर ममता सरकार के साथ जारी विवाद और तूल पकड़ता जा रहा है। कंपनी ने साफ लफ्जों में कह दिया है कि या तो राज्य सरकार प्रोजेक्ट को विशेष आर्थिक क्षेत्र यानी एसईजेड का

By Shashi Bhushan KumarEdited By: Published: Wed, 06 May 2015 08:01 AM (IST)Updated: Wed, 06 May 2015 08:08 AM (IST)

जागरण न्यूज नेटवर्क, कोलकाता। देश की दूसरी सबसे बड़ी आइटी कंपनी इंफोसिस लिमिटेड की सालों से अटकी राजारहाट परियोजना को लेकर ममता सरकार के साथ जारी विवाद और तूल पकड़ता जा रहा है। कंपनी ने साफ लफ्जों में कह दिया है कि या तो राज्य सरकार प्रोजेक्ट को विशेष आर्थिक क्षेत्र यानी एसईजेड का दर्जा दे या फिर उसके 75 करोड़ रुपये वापस करे।

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कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि तत्कालीन वाममोर्चा सरकार ने अपने अंतिम वर्ष में एसईजेड के तहत न्यूटाउन राजारहाट में 50 एकड़ जमीन आवंटित की थी। साथ ही उसने इंफोसिस आइटी पार्क को एसईजेड का दर्जा देने का वादा भी किया था। मगर ममता बनर्जी की अगुआई वाली तृणमूल कांग्रेस की सरकार ने आते ही कंपनी के साथ हुए पूर्व समझौते को रद कर दिया। इतना ही नहीं, ममता सरकार ने इंफोसिस के इस आइटी पार्क को एसईजेड का दर्जा देने से भी मना कर दिया। इसके बाद वहां काम नहीं शुरू हो सका। वैसे, ममता सरकार ने कंपनी को अन्य सभी सुविधाएं देने की बात कही थी।

राज्य में एसईजेड नीति लागू नहीं करने का जिक्र ममता ने अपने चुनावी घोषणापत्र में किया था। इन सब कारणों से एक विकट स्थिति पैदा हो गई। जो भी कंपनियां सेज नीति के तहत पूंजी निवेश करना चाहती थीं या जिनके प्रस्ताव राज्य सरकार के पास पड़े थे, वे सभी दरकिनार हो गए। इंफोसिस के इस अधिकारी के मुताबिक कंपनी के इस निवेश से करीब 15 हजार लोगों को नौकरी मिलती। मगर राज्य की मौजूदा सरकार ऐसा करना नहीं चाहती। यह पूछे जाने पर कि क्या इंफोसिस अग्रिम राशि वापस लेने के मूड में है उन्होंने कहा अब भी सरकार की नीति में परिवर्तन की उम्मीद है।

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