Move to Jagran APP

अमेरिका में भारतीयों के बढ़ते प्रभाव से चीन में बेचैनी

अमेरिकी कंपनियों में भारतीय मूल के प्रमुखों की बढ़ती संख्या चीन में बेचैनी का सबब बन रही है। हाल ही में सॉफ्टवेयर दिग्गज माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ पद पर सत्या नडेला के काबिज होने के बाद यह बेचैनी सामने आई है। अमेरिका के कारोबारी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल में प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया कि अंग्रेजी भाषा पर भारतीयो

By Edited By: Published: Sat, 05 Apr 2014 09:30 AM (IST)Updated: Sat, 05 Apr 2014 10:51 AM (IST)

न्यूयॉर्क। अमेरिकी कंपनियों में भारतीय मूल के प्रमुखों की बढ़ती संख्या चीन में बेचैनी का सबब बन रही है। हाल ही में सॉफ्टवेयर दिग्गज माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ पद पर सत्या नडेला के काबिज होने के बाद यह बेचैनी सामने आई है।

loksabha election banner

अमेरिका के कारोबारी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल में प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया कि अंग्रेजी भाषा पर भारतीयों की अच्छी पकड़ और आगे बढ़ने की इच्छा शीर्ष पदों के लिए उन्हें चीनी समकक्षों पर बढ़त दिला रही है। रिपोर्ट के अनुसार भाषा और पश्चिमी संस्कृति से जुड़ाव ही वह कारण है जिससे पेप्सीको की इंद्रा नूई, ड्यूश बैंक के अंशू जैन और मास्टरकार्ड इंक के अजय बंगा पश्चिम में सफल हुए हैं। जबकि जानकारों का कहना है कि चीनियों के मुकाबले भारतीय पश्चिमी देशों में आने के ज्यादा इच्छुक हैं।

चीन वासियों को घरेलू स्तर पर ही ज्यादा अवसर और बेहतर वेतन वाली नौकरियां उपलब्ध हैं। 'चीन क्यों नहीं दे पा रहा विश्व स्तरीय सीईओ' शीर्षक से प्रकाशित इस रिपोर्ट में कहा गया कि माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ पद पर नडेला की नियुक्ति से चीन में हल्की बेचैनी पैदा हुई है। लोग सवाल पूछ रहे हैं कि भारतीय ही क्यों, चीनियों को अमेरिका में शीर्ष पद क्यों हासिल नहीं हो रहे।

रिपोर्ट में कहा गया कि अपने देश में ही बेहतर मौके मिलने से चीनी नागरिक अन्य देशों में कम ही जाते हैं। चीन में प्रबंधन स्तर के पदों के लिए वेतन करीब 1,31,000 डॉलर है, जो भारत के मुकाबले चार गुना ज्यादा है। भारत में एक्जिक्यूटिव का औसत वेतन 35,000 डॉलर के आसपास होता है।

रिपोर्ट के मुताबिक, भारत अभी रहने के लिए मुश्किल जगह है, जबकि चीन में रहन-सहन पिछले कुछ सालों में सहज हुआ है। चीन तेजी से विकास कर रहा है। यहां हर तरफ मौके मौजूद हैं। लेकिन चीन खुद ही शीर्ष स्तर पर टैलेंट की कमी से जूझ रहा है, जबकि यहां स्नातकों की तादाद काफी ज्यादा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.