दालों की कीमत में कम करने को अफगानिस्तान से भी दलहन आयात की तैयारी
सरकार की कोशिशों को बाद भी दाल की कीमतें कम नहीं हो रही हैं। इसके लिए अब सरकार अफगानिस्तान से भी दाल आयात करने पर विचार कर रही है।
नई दिल्ली (प्रेट्र)। भारत अफगानिस्तान से भी दाल आयात करने की संभावना पर विचार कर रहा है। आपूर्ति बढ़ाकर कीमतों पर अंकुश लगाने के मकसद से सरकार इस दिशा में सोच रही है। तमाम कोशिशों के बावजूद दालों की कीमतें ऊंची बनी हुई हैं। हाल ही में भारत ने मोजाम्बिक के साथ एक करार पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके तहत अफ्रीकी देश से अगले पांच साल में अरहर और अन्य दालों का आयात दोगुना सालाना दो लाख टन करने का फैसला किया गया है।
'मेड इन अफगानिस्तान' सम्मेलन के इतर पत्रकारों से बातचीत में विदेश सचिव (आर्थिक संबंध) अमर सिन्हा ने बताया कि यदि कीमतों को लेकर पक्का आश्वासन मिले तो अफगानिस्तान के किसान दालें उगाएंगे। इनका आयात कर भारत खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित कर लेगा। आयात की शुरुआत करीब एक लाख टन की छोटी मात्रा से हो सकती है। सात लाख टन दालों का आयातमंगलवार को खाद्य मंत्री राम विलास पासवान ने संसद को जानकारी दी कि अप्रैल-मई के दौरान भारत ने सात लाख टन दालों का आयात किया है।
वित्त वर्ष 2015-16 में भारत ने 57.97 लाख टन दालों का आयात किया था। भारतीय व्यवसायियों को न्योताअफगानिस्तान के उपकृषि मंत्री अब्दुल कादिर जवाद ने दो दिवसीय 'मेड इन अफगानिस्तान' सम्मेलन को संबोधित करते हुए भारतीय व्यवसायियों को अपने यहां के कृषि क्षेत्र में निवेश का न्योता दिया। जवाद बोले कि कृषि उत्पादों की मैन्यूफैक्चरिंग, प्रोसेसिंग, पैकेजिंग और मार्केटिंग के क्षेत्र में भरपूर संभावनाएं हैं। द्विपक्षीय व्यापार बढ़ेगाजवाद के मुताबिक 2014-15 में भारत और अफगानिस्तान के बीच 68.4 करोड़ डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार हुआ। चाबहार बंदरगाह के विकसित होने के बाद परिवहन प्रणाली में सुधार के साथ इसके और बढ़ने के आसार हैं।
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