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'मेक इन इंडिया' ने अमरीेका और चीन को पछाड़ा, बढ़ा एफडीआई निवेश

भारत ने इस साल की पहली छमाही में एफडीआई के माध्यम से निवेश पाने में चीन और अमरीका को पछाड़ दिया है। पहली छमाही में भारत को 31 अरब डॉलर, चीन को 28 अरब डॉलर और अमरीका 27 अरब डॉलर निवेश मिला है।

By Shashi Bhushan KumarEdited By: Published: Wed, 30 Sep 2015 08:16 AM (IST)Updated: Wed, 30 Sep 2015 08:23 AM (IST)


नई दिल्ली। भारत ने इस साल की पहली छमाही में एफडीआई के माध्यम से निवेश पाने में चीन और अमरीका को पछाड़ दिया है। पहली छमाही में भारत को 31 अरब डॉलर, चीन को 28 अरब डॉलर और अमरीका 27 अरब डॉलर निवेश मिला है।

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एक रिपोर्ट के मुताबिक 2014 में पूंजी निवेश के लिहाज से भारत को चीन, अमरीका, इंग्लैंड और मैक्सिको के बाद पांचवे स्थान पर रखा गया था। मई 2014 में मोदी सरकार ने विदेशी निवेश को आकर्षित करने और निवेेशकों का मूड बदलने के लिए कई कदम उठाए हैं।


मोदी सरकार ने निवेशकों को लुभाने के लिए मेक इन इंडिया और डिजिटल इंडिया जैसे कार्यक्रमों की घोषणा की है। हालांकि, एक्सपर्ट मानते हैं कि सरकार को अब भी कई क्षेत्रों में कदम उठाने की जरूरत है। निवेशक कर नीति, श्रम कानूनों और भूमि अधिग्रहण कानूनों को और उदार चाहते हैं।

मोदी की हालिया सिलिकन वैली के दौरे ने भी सॉफ्टवेयर और टेक्नोलॉजी निवेशकों को आकर्षित किया है।
कई बहुपक्षीय एजेंसियोंं का मानना है कि भारत उभरती अर्थव्यवस्थाओं में सबसे आगे रहेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि चीन की मंदी से भारत को फायदा मिलने की उम्मीद है। भारत सरकार को मौजूदा वित्तीय वर्ष में 8 फीसद विकास दर रहने की उम्मीद है।

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