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भारत बना सौर ऊर्जा का अगुआ

स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए भारत की अगुआई में बनाया गया 121 देशों का वैश्विक संगठन देश की सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए अभी तक का सबसे बड़ा उत्प्रेरक बनेगा। अक्षय ऊर्जा स्नोत मंत्रलय के अधिकारियों का तो यह कहना है कि इस संगठन से वर्ष 2022 तक

By Shashi Bhushan KumarEdited By: Published: Wed, 02 Dec 2015 08:00 AM (IST)Updated: Wed, 02 Dec 2015 08:05 AM (IST)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए भारत की अगुआई में बनाया गया 121 देशों का वैश्विक संगठन देश की सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए अभी तक का सबसे बड़ा उत्प्रेरक बनेगा। अक्षय ऊर्जा स्नोत मंत्रलय के अधिकारियों का तो यह कहना है कि इस संगठन से वर्ष 2022 तक देश में एक लाख मेगावॉट बिजली सौर ऊर्जा से पैदा करने की राह आसान हो जाएगी। खास तौर पर सौर ऊर्जा प्रोजेक्टों के समक्ष वित्त की समस्या दूर हो जाएगी। मंत्रालय इस संगठन से भारतीय कंपनियों को कर्ज दिलाने का प्रस्ताव अगले वर्ष के शुरुआत में भेजने पर विचार कर रहा है।

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पेरिस में चल रहे जलवायु सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के साथ संयुक्त तौर सौर ऊर्जा के लिए एक विशेष समूह की स्थापना की घोषणा की। इस समूह में वैसे विकसित व विकासशील देश शामिल हैं, जिनके यहां सूरज की रोशनी प्रचुर मात्र में पहुंचती है।

यह समूह वर्ष 2030 तक 100 अरब डॉलर की राशि जुटाने का लक्ष्य लेकर चल रही है। इसका इस्तेमाल सौर ऊर्जा परियोजनाओं को सस्ती दर पर कर्ज उपलब्ध कराने के लिए किया जाएगा। भारत ने अपनी तरफ से तीन करोड़ डॉलर की राशि इस फंड में देने का फैसला किया है। मोदी ने इस समूह का सचिवालय भारत में बनाने और इसे संचालित करने का भी प्रस्ताव किया है।

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