Move to Jagran APP

अब ईमेल से नोटिस भेजेगा इनकम टैक्स डिपार्टमेंट

आयकर विभाग ने ई-मेल के जरिये जोटिस भेजने की नई व्यवस्था शुरू करने का निर्णय किया है जिसका करदाता इलेक्ट्रानिक रूप में जवाब दे सकते हैं। इससे करदाताओं और कर अधिकारियों के आमने-सामने आने की जरूरत नहीं होगी जिसको लेकर अक्सर परेशान किये जाने की शिकायत की जाती है।

By Shashi Bhushan KumarEdited By: Published: Mon, 21 Sep 2015 11:07 AM (IST)Updated: Mon, 21 Sep 2015 11:20 AM (IST)

नई दिल्ली। आयकर विभाग ने ई-मेल के जरिये जोटिस भेजने की नई व्यवस्था शुरू करने का निर्णय किया है जिसका करदाता इलेक्ट्रानिक रूप में जवाब दे सकते हैं। इससे करदाताओं और कर अधिकारियों के आमने-सामने आने की जरूरत नहीं होगी जिसको लेकर अक्सर परेशान किये जाने की शिकायत की जाती है।

loksabha election banner

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) जरूरी प्रक्रिया पूरी करने और क्षमता सृजित करने की रणनीति पर काम कर रहा है। सीबीडीटी की चेयरपर्सन अनीता कपूर ने कहा, हम यह सोच रहे हैं कि कैसे करदाताओं के जीवन को आसान बनाया जाए। खासकर उन लोगों के लिये जो मध्यम और थोड़े उच्च श्रेणी में आते हैं। इसीलिए हम यह अनुमति देने पर सोच रहे हैं कि जब किसी आकलन या जांच के मामले में नोटिस जारी किया जाए, करदाता विभाग को इलेक्ट्रानिक माध्यम से जवाब दे सके।

उन्होंने कहा, हम इस संदर्भ में सुरक्षा संबंधी कुछ मुद्दों के समाधान की कोशिश कर रहे हैं, उसके बाद इसे क्रियान्वित किया जा सकता है। इस बारे में विस्तार से बताते हुए अनीता ने कहा कि अगर करदाता विभाग को अपने आयकर रिटर्न (आईटीआर) में उपयुक्त ई-मेल पता देता है, बोर्ड उसे ई-नोटिस भेज सकेगा और पोस्ट से दस्तावेज भेजने की आवश्यकता नहीं होगी जिसके लिये करदाता को आकलन अधिकारी (एओ) से मिलने की जरूरत होती है।

सीबीडीटी प्रमुख अनीता कपूर ने कहा, करदाता ई-मेल के जरिये जवाब दे सकते हैं और अगर हम और कोई सवाल पूछना चाहते हैं, आपको इलेक्ट्रानिक माध्यम से दूसरा नोटिस दिया जाएगा ताकि एओ और करदाता ई-माहौल में रहे और हो सकता है कि अंतिम सुनवाई के दौरान जब एओ मामले को बंद करना चाहता है, करदाता कर कार्यालय आ सकता है।

उन्होंने कहा कि ऐसी व्यवस्था का मकसद करदाता के लिए आकलन अधिकारियों के पास जाने की जरूरत कम करना है। अनीता ने कहा, करदाता दस्तावेज स्कैन कर उसे ई-मेल के जरिये भेज सकते हैं, और उनका काम खत्म हो जाएगा। उन्होंने कहा, हम इस रूप से कर अधिकारियों तथा करदाताओं के बीच आमना-सामना को कम करने की कोशिश कर रहे हैं। यह कर प्रशासन में महत्वपूर्ण बदलाव होगा।

बिजनेस सेक्शन की अन्य खबरों के लिए यहां क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.