औद्योगिक उत्पादन में जोरदार उछाल
अगस्त में आईआईपी 4.1 से बढ़कर 6.4 फीसदी
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अर्थव्यवस्था को गति देने की सरकार की कोशिशें धीरे-धीरे रंग ला रही हैं। इसका संकेत औद्योगिक उत्पादन में आए जोरदार उछाल से मिलता है। इस साल अगस्त महीने में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आइआइपी) में 6.4 प्रतिशत वृद्धि हुई है। आइआइपी में यह वृद्धि मैन्युफैक्चरिंग और खनन क्षेत्र में सुधार की वजह से हुई है। हालांकि महंगाई के मोर्च पर खाद्य वस्तुओं के मूल्य में बढ़ोत्तरी के चलते उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई दर में सितंबर महीने में मामूली वृद्धि हुई है।
केंद्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (सीएसओ) से जारी आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से अगस्त के दौरान आइआइपी मंे 4.1 प्रतिशत वृद्धि हुई है जबकि सालभर पहले यह मात्र 3 प्रतिशत थी। इसी तरह पिछले साल अगस्त महीने में आइआइपी की वृद्धि दर मात्र 0.5 प्रतिशत थी।
अक्टूबर 2012 के बाद यह पहला मौका है जब आइआइपी में 6.4 प्रतिशत वृद्धि हुई है। उस समय आइआइपी में 8.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। हालांकि जुलाई महीने के आइआइपी के आंकड़ों की समीक्षा करते हुए 4.2 प्रतिशत से कम करके 4.1 प्रतिशत कर दिया है। खास बात यह है कि रोजगार सृजन के लिए अहम माने जाने वाले मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में अगस्त में 6.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जबकि पिछले साल समान महीने में इसमें 1.1 प्रतिशत की गिरावट आई थी। औद्योगिक उत्पादन सूचकांक में मैन्युफैक्चरिंग की हिस्सेदारी 75 प्रतिशत है। अप्रैल से अगस्त की अवधि में मैन्युफैक्चरिंग 4.6 प्रतिशत वृद्धि हुई है जबकि पिछले साल समान अवधि में इसमें मात्र दो प्रतिशत वृद्धि हुई थी।
खनन क्षेत्र में भी अगस्त में 3.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई जबकि पिछले साल समान महीने में इसमें मात्र 1.2 प्रतिशत वृद्धि हुई थी। अप्रैल से अगस्त के दौरान इसमें 1.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई। निवेश का सूचक माने जाने वाले पूंजीगत वस्तुओं के उत्पादन में शानदार 21.8 प्रतिशत वृद्धि हुई है जबकि पिछले साल अगस्त महीने में इसमें 10 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई थी। हालांकि बिजली उत्पादन की वृद्धि दर सुस्त पड़ गई है।
खुदरा महंगाई दर मामूली बढ़ी
वहीं महंगाई के मोर्चे पर खाद्य वस्तुओं खासकर दलहन और शीतलपेयों की कीमतों में वृद्धि के चलते सितंबर में खुदरा महंगाई दर थोड़ी बढ़कर 4.41 प्रतिशत हो गई है। अगस्त महीने में खुदरा महंगाई दर 3.74 प्रतिशत थी। सरकार ने अगस्त के खुदरा महंगाई के आंकड़ों को संशोधित कर दिया है पहले ये यह दर 3.66 प्रतिशत थी। वैसे पिछले साल से तुलना करें तो इस साल सितंबर महीने में खुदरा महंगाई दर कम है क्योंकि पिछले साल सितंबर में यह 5.63 प्रतिशत थी।
खाद्य महंगाई दर सितंबर महीने में 3.88 प्रतिशत रही जबकि अगस्त में यह 2.20 प्रतिशत थी। खाद्य वस्तुओं में सर्वाधिक महंगाई दर दालों की बढ़ी। सितंबर में दलहन की कीमतों में 29.76 प्रतिशत की वृद्धि हुई।