बढे़गी सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यमों में निवेश की सीमा
केंद्र सरकार ने सोमवार को लोकसभा में एक विधेयक पेश किया, जिसके कानून का रूप लेने पर सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) में निवेश की सीमा बढ़ जाएगी। फिलहाल सूक्ष्म उद्यमों में मशीनरी और संयंत्र में निवेश की सीमा पांच लाख रुपये है। यह बढ़कर 50 लाख रुपये हो
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सोमवार को लोकसभा में एक विधेयक पेश किया, जिसके कानून का रूप लेने पर सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) में निवेश की सीमा बढ़ जाएगी। फिलहाल सूक्ष्म उद्यमों में मशीनरी और संयंत्र में निवेश की सीमा पांच लाख रुपये है। यह बढ़कर 50 लाख रुपये हो जाएगी। लघु उद्योग की सीमा पांच करोड़ से बढ़कर 10 करोड़ रुपये होगी। इसी तरह मध्यम उद्योग की सीमा भी मौजूदा 10 करोड़ से बढ़कर 30 करोड़ रुपये पर पहुंच जाएगी। सीमा में यह वृद्धि बढ़ती लागत के मद्देनजर की जा रही है।
केंद्रीय एमएसएमई मंत्री कलराज मिश्र ने लोकसभा में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग विकास कानून संशोधन विधेयक पेश किया। इस विधेयक में यह भी प्रावधान है कि सरकार अब अधिसूचना जारी करके ही एमएसएमई में निवेश की सीमा तय कर सकेगी। सरकार ने निवेश की सीमा सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग विकास कानून के जरिये 2006 में तय की थी।
सेवा क्षेत्र के मामले में प्रस्तावित निवेश सीमा सूक्ष्म इकाइयों के लिए 10 लाख रुपये, लघु इकाइयों के लिए पांच करोड़ रुपये और मध्यम उद्यमों के लिए 15 करोड़ रुपये होगी। सरकार सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को अलग-अलग योजनाओं के तहत कई प्रकार की रियायतें देती है।
निवेश सीमा में बदलाव
श्रेणी मौजूदा प्रस्तावित
सूक्ष्म 25 लाख 50 लाख
लघु 5 करोड़ 10 करोड़
मध्यम 10 करोड़ 30 करोड़