रबी फसलों के समर्थन मूल्य का एलान
केंद्र सरकार ने बुधवार को रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की घोषणा कर दी।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने बुधवार को रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की घोषणा कर दी। सरकार ने कृषि लागत व मूल्य आयोग (सीएसीपी) की सिफारिशें बिना किसी तब्दीली के मंजूर कर ली हैं। हालांकि, किसानों को इस सरकार से रबी फसल के एमएसपी में आकर्षक वृद्धि की बड़ी उम्मीदें थीं।
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने गेहूं का एमएसपी 50 रुपये बढ़ाकर 1,450 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है, जबकि चने की कीमत में 75 रुपये की वृद्धि की गई है। सीसीईए की बैठक में रबी सीजन की प्रमुख फसल गेहूं समेत सभी फसलों के समर्थन मूल्य के कृषि मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। फसलों के एमएसपी में अधिक बढ़ोतरी न करने के पीछे महंगाई प्रमुख वजह रही है।
गेहूं का मूल्य पिछले साल के 1,400 रुपये से बढ़ाकर 1,450 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। इसी तरह जौ का एमएसपी 1,100 रुपये से बढ़ाकर 1150 रुपये कर दिया गया है। दलहन की प्रमुख फसल चने का मूल्य 75 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर 3,175 रुपये कर दिया गया है। मसूर 2,950 रुपये से बढ़ाकर 3,075 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है। तथ्य यह है कि देश में दलहन की भारी कमी के चलते दालों के लिए आयात ही एकमात्र विकल्प है।
देश में सालाना 30 से 40 लाख टन तक दालें आयात की जाती हैं। तिलहन के हाल तो और भी खराब हैं। देश में तिलहन को लेकर किसान उदासीन हैं। इससे घरेलू मांग का 50 फीसद आयात से पूरा होता है। सरकार ने तिलहन के न्यूनतम समर्थन मूल्य में मात्र 50 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की है। सरसों 3,050 रुपये से बढ़कर 3,100 रुपये प्रति क्विंटल और तीसी का मूल्य 3,000 रुपये से बढ़ाकर 3,050 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है।