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बीएस 6 ईंधन की तैयारी में जुटी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन

अगले महीने राष्ट्र को समर्पित होने वाली इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन की पारादीप रिफाइनरी भी बीएस 6 मानक वाले ईंधन नहीं बना सकती है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Tue, 12 Jan 2016 08:35 AM (IST)Updated: Tue, 12 Jan 2016 08:39 AM (IST)

जयप्रकाश रंजन, पारादीप (उड़ीसा)। देश में वर्ष 2020 से सिर्फ बीएस 6 (यूरो 6) ईंधन की बिक्री का फैसला तो सरकार के स्तर पर हो गया, लेकिन इसे अमल में लाने का रोडमैप अभी तक तैयार नहीं है। एक तरफ सरकारी तेल कंपनियों के सामने अगले चार वर्षों के भीतर अपनी रिफाइनरियों को आधुनिक बनाने की चुनौती है तो वहीं कार बनाने वाली कंपनियों को भी भारी भरकम निवेश करना है।

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अगले महीने राष्ट्र को समर्पित होने वाली इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन की पारादीप रिफाइनरी भी बीएस 6 मानक वाले ईंधन नहीं बना सकती है। इस रिफाइनरी को बीएस 4 व बीएस 5 मानक वाले ईंधन बनाने के लिए तैयार किया गया है, लेकिन अब सरकार ने बीएस 4 के बाद सीधे बीएस 6 लागू करने का फैसला किया है। ऐसे में कंपनी इस रिफाइनरी में नए निवेश व नई तकनीक अपनाने जा रही है, ताकि बीएस 6 मानक वाले पेट्रोल व डीजल बनाया जा सके।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले महीने 1.50 करोड़ टन सालाना क्षमता वाली इस रिफाइनरी का उद्घाटन करेंगे। यह भी संयोग है कि वर्ष 2000 में एनडीए के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इस रिफाइनरी का शिलान्यास किया था। 34,555 करोड़ रुपये की लागत से तैयार यह रिफाइनरी देश की सबसे आधुनिक रिफाइनरियों में से एक होगी।

यहां से झारखंड, बंगाल, मध्य प्रदेश व आंध्र प्रदेश के लिए खासतौर पर पेट्रोल, डीजल, केरोसिन और रसोई गैस की आपूर्ति की जाएगी। इसके अलावा इंडोनेशिया, मलेशिया से लेकर ऑस्ट्रेलिया को पेट्रोलियम उत्पादों का निर्यात भी यहां से किया जा सकेगा।

इंडियन आयल कॉरपोरेशन के अधिकारियों का कहना है कि पारादीप एक नई रिफाइनरी है, जिसमें बीएस 6 मानक के पेट्रोल व डीजल तैयार करने के लिए 4000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश और करना होगा। लेकिन कंपनी के सामने असली चुनौती बोगाइगांव, नुमालीगढ़, बरौनी जैसी अन्य रिफाइनरियों को लेकर आएगी।

पिछले पांच वर्षों में कंपनी ने लगभग 20,000 करोड़ रुपये का निवेश कर अपनी कई रिफाइनरियों को बीएस 4 स्तर के ईंधन बनाने के लिए तैयार किया है। अब कंपनी को बीएस 6 मानक के ईंधन के लिए नए सिरे से निवेश करना होगा। लेकिन असली समस्या यह है कि कई रिफाइनरियां बहुत ही पुरानी तकनीकी पर आधारित हैं और उनमें बीएस 6 स्तर के ईंधन तैयार करने लिए आधुनिकीकरण करना भी आसान नहीं होगा।

माना जा रहा है कि देश में बीएस 6 स्तर के पेट्रोल व डीजल तैयार करने के लिए सरकारी क्षेत्र की सारी रिफाइनरियों में 85,000 करोड़ रुपये का निवेश करना होगा। यह निवेश अगले दो से तीन वर्षों के भीतर करना होगा।

बीएस 4 स्तर के ईंधन तैयार करने के लिए इन कंपनियों को 6-7 वर्ष का समय मिल गया था, लेकिन अब बहुत ही कम समय दिया जा रहा है। केंद्र सरकार ने पिछले हफ्ते ही यह फैसला किया है कि देश में बीएस 4 स्तर के बाद सीधे बीएस 6 स्तर के ईंधन बेचे जाएंगे।

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