Move to Jagran APP

नकली नोटों का सफाया करेगा देश में निर्मित करेंसी कागज

नकली नोटों की समस्या से परेशान सरकार ने इनके खिलाफ एक तरह से नया 'अमोघ अस्त्र' आजमाने का मन बना लिया है। यह अस्त्र होगा भारत में बेहद सुरक्षित किस्म के करेंसी नोटों का निर्माण करना। इसके लिए मैसूर में एक बेहद आधुनिक तकनीक पर आधारित करेंसी कागज बनाने का

By Edited By: Published: Sat, 29 Nov 2014 07:47 PM (IST)Updated: Sat, 29 Nov 2014 08:02 PM (IST)

जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। नकली नोटों की समस्या से परेशान सरकार ने इनके खिलाफ एक तरह से नया 'अमोघ अस्त्र' आजमाने का मन बना लिया है। यह अस्त्र होगा भारत में बेहद सुरक्षित किस्म के करेंसी नोटों का निर्माण करना। इसके लिए मैसूर में एक बेहद आधुनिक तकनीक पर आधारित करेंसी कागज बनाने का कारखाना लगाया जा रहा है। इस फैक्ट्री में निर्मित करेंसी कागज की नकल करना किसी के लिए भी आसान नहीं होगा। देश की अर्थव्यवस्था को नकली नोटों से बचाने के साथ ही भारत में निर्मित करेंसी कागज से सालाना 1,300 करोड़ रुपये की बचत होगी।

अभी भारत में इस्तेमाल होने वाले अधिकांश करेंसी कागज आयातित होते हैं। हर वर्ष भारत औसतन 1,300 करोड़ रुपये मूल्य के कागज का आयात करता है। हाल ही में नकली नोट पर लगाम लगाने के लिए सरकार की तरफ से बनाई गई उच्चस्तरीय समिति ने आयातित कागज की सुरक्षा को लेकर खासी चिंता जताई थी। वित्त मंत्रालय, रिजर्व बैंक, गृह मंत्रालय व अन्य सुरक्षा एजेंसियों की प्रतिनिधि वाली इस समिति ने ही देश में करेंसी कागज उत्पादन की क्षमता में आत्मनिर्भर होने की बात कही थी।

हाल ही में सुरक्षा एजेंसियों ने नकली नोटों पर तैयार अपने डोजियर में यह कहा कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ सालाना 10 हजार करोड़ रुपये मूल्य के भारतीय नोटों की नकली करेंसी छाप कर भारत में भेजने की योजना बना रही है। माना जाता है कि भारत जिन विदेशी कंपनियों से करेंसी कागज खरीदता है, वहां से आइएसआइ भी कागज हासिल कर रहा है।

मैसूर स्थिति आधुनिक बैंक नोट कारखाने की क्षमता 12,000 मीट्रिक टन होगी। इस कारखाने में निर्मित कागज पर छपाई का काम अगले वित्त वर्ष से शुरू हो सकता है। इस कारखाने में जिस तकनीकी का इस्तेमाल किया जाएगा, उसे बेहद गोपनीय तरीके से भारतीय प्रतिभूति मुद्रण व मुद्रा निर्माण निगम लिमिटेड और भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण प्राइवेट लिमिटेड ने तैयार किया है।

कारखाना भी उक्त दोनों कंपनियां संयुक्त उद्यम के तहत लगा रही हैं। साथ ही, होशंगाबाद स्थित प्रतिभूति कागज कारखाने में भी इस तकनीकी का इस्तेमाल कर करेंसी कागज बनाने की क्षमता बढ़ाई जाएगी।

पढ़ेंः मोदी-मुलायम के गढ़ में नकली नोट सप्लाई कर रहा पाक

नकली नोट चलाते युवक धरा


This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.