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वारंटी के नाम पर बुद्धू बनाती है सैमसंग

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। सैमसंग के स्मार्ट फ्रिज पर दस साल की वारंटी देखकर उसे खरीदने का मन बना रहे हैं आप? जरा रुकिए। वारंटी के नाम पर सैमसंग अपने ग्राहकों को किस तरह बुद्धू बनाती है इसे मसूद खान की लखटकिया फ्रिज से बेहतर कौन बयां कर सकता है। मसूद ने अहमदाबाद के इशिता एंटरप्राइज से

By Rajesh NiranjanEdited By: Published: Thu, 16 Oct 2014 09:43 AM (IST)Updated: Thu, 16 Oct 2014 10:19 AM (IST)
वारंटी के नाम पर बुद्धू बनाती है सैमसंग

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। सैमसंग के स्मार्ट फ्रिज पर दस साल की वारंटी देखकर उसे खरीदने का मन बना रहे हैं आप? जरा रुकिए। वारंटी के नाम पर सैमसंग अपने ग्राहकों को किस तरह बुद्धू बनाती है इसे मसूद खान की लखटकिया फ्रिज से बेहतर कौन बयां कर सकता है। मसूद ने अहमदाबाद के इशिता एंटरप्राइज से 94 हजार रुपये में एक फ्रिज खरीदा। इस फ्रिज पर एक साल की वारंटी थी। उन्हें उम्मीद थी कि फ्रिज कम से कम एक साल तक तो कोई दिक्कत नहीं पैदा करेगा, मगर महज तीन महीने में उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया। फ्रिज ने ठंडा करना बंद कर दिया। उन्होंने सैमसंग के सर्विस सेंटर से शिकायत की। इंजीनियर उनका फ्रिज रिपेय¨रग के लिए उठा ले गए।

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सैमसंग का कहना था कि गास्केट बदलने से फ्रिज ठीक हो जाएगा। गास्केट बदल दिया गया, मगर फ्रिज ठीक नहीं हुआ। फिर कहा गया कि पीसीबी में खराबी है। उसे भी बदल दिया गया, फ्रिज फिर भी नहीं चला। इंजीनियर ने किसी अन्य पुर्जे को बदलने की बात कही। मसूद इसके लिए राजी नहीं हुए। उन्होंने नए फ्रिज की मांग की। कंपनी ने मना कर दिया। सैमसंग की इस नाइंसाफी से तंग आकर मसूद कंज्यूमर एजुकेशन एंड रिसर्च सोसाइटी (सीईआरएस) पहुंचे।

सीईआरएस ने मसूद की ओर से सैमसंग इंडिया को कानूनी नोटिस भेजा। इस पर कंपनी ने टाल-मटोल वाला जवाब भेज दिया। नतीजतन, सीईआरएस को अहमदाबाद की उपभोक्ता अदालत में सैमसंग के खिलाफ वाद दायर करना पड़ा। कंपनी ने कोर्ट में जो जवाब दाखिल किया वह और भी चौंकाने वाला है। कंपनी ने कहा कि वह तब तक पुर्जे बदलती रहेगी, जब तक कि फ्रिज काम न करने लगे, लेकिन फ्रिज बदलकर नहीं देगी। कंपनी का कहना था कि वारंटी पीरियड में वह फ्रिज ठीक कर सकती है। उसके पुर्जे बदल सकती है, मगर नया फ्रिज नहीं दे सकती। सैमसंग को कोर्ट ने लताड़ा और कहा कि लाख रुपये का फ्रिज तीन महीने में काम बंद कर दे तो कंपनी के उत्पाद में निश्चित ही कोई मैन्यूफैक्च¨रग डिफेक्ट है। ऐसे में कंपनी और उसके डीलर की जिम्मेदारी बनती है कि या तो फ्रिज बदलकर नया दे या सूद सहित पैसा वापस करे। कंपनी ने फिर से यही दलील दी कि वह पार्ट बदल देगी और फ्रिज चलाकर देगी पर उसे बदलेगी नहीं।

सैमसंग के अड़ियल रुख को देखते हुए अदालत ने कंपनी को आदेश दिया कि वह मसूद को नौ फीसद ब्याज के साथ फ्रिज की कीमत 94 हजार रुपये वापस करे। इसके अलावा कंपनी मानसिक त्रासदी के एवज में 5,000 रुपये और कोर्ट खर्च के तौर पर 2,000 रुपये अलग से अदा करे। क्या मसूद का लखटकिया फ्रिज और उस पर मिली वारंटी की दास्तान पढ़ने के बाद भी आप सैमसंग का फ्रिज या और कोई उत्पाद केवल इसीलिए खरीदना चाहेंगे कि उस पर दस साल की वारंटी मिल रही है?

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