कोर्ट के फैसले से कारों की बिक्री घटेगी
डीजल वाहनों की बिक्री पर पाबंदी लगाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले से देश का वाहन उद्योग काफी सकते में है। भारत में डीजल वाहन बनाने का संयंत्र लगाने पर अरबों रुपये का नया निवेश करने वाली कंपनियों का कहना है कि इस फैसले से उनका निवेश फंस गया है।
नई दिल्ली: डीजल वाहनों की बिक्री पर पाबंदी लगाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले से देश का वाहन उद्योग काफी सकते में है। भारत में डीजल वाहन बनाने का संयंत्र लगाने पर अरबों रुपये का नया निवेश करने वाली कंपनियों का कहना है कि इस फैसले से उनका निवेश फंस गया है।
कोर्ट के फैसले से देश में डीजल वाहनों की बिक्री पर बुरा असर पडऩे के आसार हैैं। इस वजह से वाहन कंपनियों के संगठन सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्यूफैक्चरर्स (सियाम) ने वर्ष 2016-17 में वाहनों की बिक्री संबंधी लक्ष्य को घटा कर आधा कर दिया है। सियाम ने कहा है कि इस वर्ष वाहनों की बिक्री में 6-8 फीसद की बढोतरी होगी जबकि पहले इसने 12 फीसद वृद्धि का अनुमान लगाया था।
देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी के अध्यक्ष आर भार्गव ने आज इस मुद्दे पर जम कर अपनी भड़ास निकाली। उन्होंने कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उद्देश्य प्रदूषण को समाप्त करना है तो इसके लिए पुराने वाहनों को बंद किया जाना चाहिए। नए वाहन जो प्रदूषण को कम नुकसान पहुंचाते हैैं उन पर रोक लगाने से कुछ हासिल नहीं होगा। पुराने वाहनों की बिक्री पर रोक लगा कर यह काम ज्यादा बेहतर तरीके से किया जा सकता है।
दिल्ली का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि यहां 6 लाख डीजल कारें हैैं जिनमें से दो लाख में भारत-एक मानक वाला इंजन लगा हुआ है। इनसे होने वाला प्रदूषण भारत चार मानक के इंजन वाले कारों से छह गुणा ज्यादा है। अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मानक चार वाले कारें तो नहीं यहां चलेंगी लेकिन मानक एक वाले कारें जरुर चलेंगी।
जबकि पुरानी दो लाख कारें नई 12 लाख कारों के बराबर प्रदूषण करेंगी। उन्होंने ऑटोमाइल क्षेत्र में लगातार हो रहे बदलावों की भी आलोचना की है।
कार बिक्री में वृद्धि पांच साल में सर्वाधिक
कार निर्माताओं की चिंताओं के विपरीत देश में बीते वित्त वर्ष के दौरान कारों की बिक्री में वृद्धि पांच साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। बीते वित्त वर्ष 2015-16 मे कारों की बिक्री 7.87 फीसद बढ़ी। बड़ी संख्या में नए मॉडल लांच होने और चुनौतीपूर्ण माहौल में भारी डिस्काउंट देने से बिक्री को रफ्तार मिली।
सियाम के अनुसार बीते वित्त वर्ष 2015-16 के दौरान 20,25,479 कारों की बिक्री हुई थी जबकि वर्ष 2014-15 में बिक्री 18,77,706 कारों की रही थी।