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महंगाई रोकने उतरे कैबिनेट सचिव

महंगाई रोकने के लिए कैबिनेट सचिव प्रदीप कुमार सिन्हा खुद उतर आए हैं। आवश्यक वस्तुओं की महंगाई को लेकर बुलाई समीक्षा बैठक में दाल और प्याज की आसमान छूने वाली कीमतों पर गंभीरता से चर्चा हुई। इस बारे में खाद्य, वाणिज्य व उपभोक्ता मामले और व्यय सचिव से उनकी ओर

By Shashi Bhushan KumarEdited By: Published: Fri, 09 Oct 2015 09:46 PM (IST)Updated: Fri, 09 Oct 2015 09:50 PM (IST)
महंगाई रोकने उतरे कैबिनेट सचिव

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। महंगाई रोकने के लिए कैबिनेट सचिव प्रदीप कुमार सिन्हा खुद उतर आए हैं। आवश्यक वस्तुओं की महंगाई को लेकर बुलाई समीक्षा बैठक में दाल और प्याज की आसमान छूने वाली कीमतों पर गंभीरता से चर्चा हुई। इस बारे में खाद्य, वाणिज्य व उपभोक्ता मामले और व्यय सचिव से उनकी ओर से महंगाई रोकने के उपायों के बारे में जानकारी ली गई।

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बैठक में बताया गया कि त्योहारी सीजन के शुरू होने के बावजूद जिंस बाजार में अनाज, खाद्य तेल, चीनी और आलू की कीमतें काबू में हैं। केंद्र सरकार की ओर से प्याज के न्यूनतम निर्यात मूल्य में वृद्धि करने, स्टॉक सीमा निर्धारित करने और दो हजार टन प्याज के आयात से उसके मूल्य में कमी आने लगी है। इसी तरह दालों की स्टॉक सीमा को अगले एक साल के लिए और बढ़ा दिया गया है। शुल्क मुक्त दालों के आयात की छूट दी गई है।

दालों की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार ने 5,000 टन अरहर दाल आयात का आदेश जारी किया है। इसमें से लगभग साढ़े तीन हजार टन की पहली खेप की अरहर पहुंच गई है। बाकी दालों के भी जल्दी ही पहुंचने की संभावना है। अरहर दाल की आसमान छूती कीमतों के मद्देनजर सरकार ने 2,000 टन अतिरिक्त अरहर आयात करने का फैसला किया है। इसके लिए ग्लोबल टेंडर जारी भी कर दिये गये हैं।

आयातित अरहर दाल को लोगों तक पहुंचाने के लिए सरकार ने पहले ही केंद्रीय भंडार को दायित्व सौंप रखा है। राजधानी दिल्ली में केंद्रीय भंडार की एक सौ दुकानों से अरहर दाल की बिक्री की जाएगी। इसके अलावा सफल की 300 दुकानों से भी अरहर दालों के बेचने का बंदोबस्त किया गया है। अन्य राज्यों में भी दालों की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए अपनी जरूरत के हिसाब से उन्हें आयातित दालों को उठाने को कहा गया है।

केंद्र ने सभी राज्यों को आवश्यक वस्तुओं की स्टॉक सीमा को सख्ती से लागू कर जमाखोरी रोकने का निर्देश दिया था। खासतौर पर दालों की जमाखोरी व कालाबाजारी पर विशेष ध्यान देने को कहा गया है। राज्यों ने भी इस दिशा में गंभीर प्रयास किए। सरकार ने अरहर की खेती को प्रोत्साहित करने के मकसद से इसके न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को बढ़ाकर 4,625 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। जबकि मूंग का एमएसपी 4,850 रुपये प्रति क्ंिवटल किया गया है। किसानों से दलहन की सीधी खरीद करने के लिए भारतीय खाद्य निगम को नामित किया गया है। इसका उद्देश्य किसानों को मदद देना और बफर स्टॉक बनाकर जिंस बाजार में कारगर रूप से हस्तक्षेप करना है। समीक्षा बैठक में कैबिनेट सचिव सिन्हा ने सभी विभागों को आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति और कीमतों पर कड़ी नजर रखने का निर्देश दिया।

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