विदेशी निवेश पर होगी केवल एक ही सीमा
केंद्र सरकार ने अपने वादे के मुताबिक विदेशी निवेश से संबंधित नियमों को आसान बनाने की प्रक्रिया के लिए एक अहम कदम उठाया है। इसके तहत विदेशी निवेश के तमाम वर्गो को समाप्त कर उन्हें एक ही श्रेणी में समाहित कर दिया गया है। इससे कंपनियों के लिए विदेशी निवेश
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने अपने वादे के मुताबिक विदेशी निवेश से संबंधित नियमों को आसान बनाने की प्रक्रिया के लिए एक अहम कदम उठाया है। इसके तहत विदेशी निवेश के तमाम वर्गो को समाप्त कर उन्हें एक ही श्रेणी में समाहित कर दिया गया है। इससे कंपनियों के लिए विदेशी निवेश की सीमा का पालन करना न सिर्फ बेहद सरल होगा, बल्कि तमाम नियामकों के लिए भी निगरानी करना और नियम बनाना आसान हो जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की गुरुवार को हुई बैठक में यह फैसला हुआ।
फैसले की जानकारी देते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि अब सभी विदेशी संस्थागत निवेश (एफआइआइ), प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ), प्रवासी भारतीयों के निवेश वगैरह को एक ही वर्ग में रखा जाएगा। यानी जब सरकार किसी क्षेत्र के लिए विदेशी निवेश की सीमा तय करेगी तो उसमें हर वर्ग के लिए अलग-अलग नियम नहीं होंगे। अब एक संयुक्त सीमा लागू होगी। उस सीमा के भीतर कोई भी विदेशी निवेशक कितनी भी हिस्सेदारी रख सकेगा।
सरकार के इस फैसले से कृषि, नागरिक विमानन, खनन, मीडिया, ब्रॉडकास्टिंग, चाय जैसे क्षेत्रों में विदेशी निवेश को लेकर जारी अनिश्चितता खत्म होगी। इन क्षेत्रों में कितनी एफडीआइ सीमा है, कितनी एफआइआइ सीमा है और कितनी एनआरआइ सीमा है, इसको लेकर हमेशा विवाद बना रहता है।
जेटली ने कहा, 'अब किसी भी क्षेत्र में एफडीआइ और एफआइआइ में कोई विभेद नहीं किया जाएगा। इसका मतलब यह हुआ कि किसी क्षेत्र में अगर 100 फीसद विदेशी निवेश की अनुमति है तो यह पूरी की पूरी हिस्सेदारी संस्थागत निवेशक भी ले सकते हैं।' माना जा रहा है कि सरकार का यह फैसला देश में एफआइआइ निवेश को बढ़ाने में मदद करेगा। वैसे भारतीय प्रमोटर जो एफडीआइ के तौर पर विदेशी कंपनियों को अपनी हिस्सेदारी देने से बचना चाहते हैं, उनके लिए यह रास्ता काफी माकूल साबित होगा। अब ऐसी कंपनियां एफआइआइ को अपनी हिस्सेदारी दे सकेंगी।
मोदी सरकार पिछले 14 महीनों के दौरान विदेशी निवेश को बढ़ावा देने के लिए लगातार कदम उठा रही है। पिछले वित्त वर्ष के दौरान देश में एफआइआइ ने 40.92 अरब डॉलर का निवेश किया है, जो एक वर्ष पहले के मुकाबले 717 फीसद ज्यादा है।