मुनाफे की राह पर बीएसएनएल
राजग सरकार की कोशिशों से सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल फिर से अपने पैर पर खड़ी होती दिख रही है। बीते वित्त वर्ष में 672 करोड़ रुपये का ऑपरेटिंग प्रॉफिट कमाने के बाद कंपनी ने भविष्य के लिए भारी-भरकम योजना तैयार की है। इसके तहत कंपनी अधिकांश राज्यों में एक
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली: राजग सरकार की कोशिशों से सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल फिर से अपने पैर पर खड़ी होती दिख रही है। बीते वित्त वर्ष में 672 करोड़ रुपये का ऑपरेटिंग प्रॉफिट कमाने के बाद कंपनी ने भविष्य के लिए भारी-भरकम योजना तैयार की है।
इसके तहत कंपनी अधिकांश राज्यों में एक वर्ष के भीतर 4जी सेवा शुरू करेगी। बीएसएनएल मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो के साथ भी कारोबारी समझौता करने जा रही है। दिल्ली व मुंबई में दूरसंचार सेवा देने वाली एमटीएनएल के विलय का रास्ता भी खुला हुआ है। भारत संचार निगम लिमिटेड यानी बीएसएनएल के सीएमडी अनुपम श्रीवास्तव ने मंगलवार को बताया कि वित्त वर्ष 2013-14 में कंपनी को 691 करोड़ रुपये का ऑपरेटिंग लॉस (संचालन हानि) हुई थी। इसके मुकाबले बीते वित्तवर्ष 2014-15 में कंपनी ने 672 करोड़ रुपये का ऑपरेटिंग मुनाफा हुआ है। कई वर्षो बाद कंपनी ने मुनाफे का मुंह देखा है। कंपनी वर्ष 2019 से शुद्ध लाभ कमाने लगेगी। संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद जब से इस मंत्रालय का जिम्मेदारी संभाली है, तभी से वह बीएसएनएल की स्थिति सुधारने की बात कर रहे हैं। संप्रग के कार्यकाल में बीएसएनएल को पूरी तरह से नजरअंदाज किया गया। इसकी वजह से 10 हजार करोड़ रुपये सालाना का मुनाफा कमाने वाली इस कंपनी की संयुक्त हानि 25 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच गई है। पिछले वर्ष ऑपरेटिंग प्रॉफिट अर्जित कर बीएसएनएल हाल के वर्षो में देश की इकलौती ऐसी सरकारी कंपनी बन गई है, जो घाटे से मुनाफे में आ गई हो। श्रीवास्तव ने बताया कि कंपनी की नजर 4जी सेवाओं पर है।