ब्रिक्स बैंक का मकसद ग्लोबल संस्थानों को चुनौती देना नहीं
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने कहा है कि ब्रिक्स बैंक का गठन सदस्य देशों के पास उपलब्ध धन के बेहतर प्रबंधन के लिए किया गया है। इसका मकसद अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) और विश्व बैंक जैसे ग्लोबल वित्तीय संस्थानों को चुनौती देना कतई नहीं है। ब्रिक्स देशों में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दि
न्यूयॉर्क। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने कहा है कि ब्रिक्स बैंक का गठन सदस्य देशों के पास उपलब्ध धन के बेहतर प्रबंधन के लिए किया गया है। इसका मकसद अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) और विश्व बैंक जैसे ग्लोबल वित्तीय संस्थानों को चुनौती देना कतई नहीं है। ब्रिक्स देशों में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं।
शिकागो काउंसिल ऑन ग्लोबल अफेयर्स की ओर से शिकागो में आयोजित एक कार्यक्रम में पहुंचे राजन ने कहा कि ब्रिक्स देशों के पास ही काफी धन है। लिहाजा, ग्लोबल संस्थानों पर निर्भर रहने के बजाय इस धन का बेहतर इस्तेमाल क्यों नहीं किया जाना चाहिए। ब्रिक्स बैंक को दीर्घकालिक परियोजनाओं के लिए धन उपलब्ध कराना है। उभरती अर्थव्यवस्थाओं में सबसे बड़ी कमी दीर्घकालिक व जोखिम वहन करने वाले धन की है। लिहाजा, यदि ऐसा बैंक हो, जो इक्विटी भागीदारी लेने को तैयार हो तो यह बहुत अच्छी बात होगी। ब्राजील में छठे ब्रिक्स सम्मेलन के समापन पर 15 जुलाई को ब्रिक्स बैंक और 100 अरब डॉलर के आपात कोष की घोषणा की गई थी। यह अल्पकालिक नकदी समस्या से निपटने में सदस्य देशों की मदद करेगा। इसका मुख्यालय चीन में होगा।