भारी बिक्री वाली तनावरोधी दवा प्रतिबंधित
डिप्रेसन या अवसाद दूर करने वाली दवा डिंक्सिट अब भारत में नहीं बिक सकेगी। केंद्र सरकार ने इस दवा से मानव जीवन के लिए खतरे की आशंका को देखते हुए इसके निर्माण, वितरण और बिक्री पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी है। पिछले कुछ वर्ष में इस दवा का भारत में उपयोग काफी बढ़ गया था, जबकि इसका उत्पादन करने वाले देश
नई दिल्ली [मुकेश केजरीवाल]। डिप्रेसन या अवसाद दूर करने वाली दवा डिंक्सिट अब भारत में नहीं बिक सकेगी। केंद्र सरकार ने इस दवा से मानव जीवन के लिए खतरे की आशंका को देखते हुए इसके निर्माण, वितरण और बिक्री पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी है। पिछले कुछ वर्ष में इस दवा का भारत में उपयोग काफी बढ़ गया था, जबकि इसका उत्पादन करने वाले देश डेनमार्क सहित पश्चिम के अधिकांश देशों में इसे वर्षो पहले ही प्रतिबंधित किया जा चुका है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी कर इस दवा पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। सरकार ने 'औषधि और सौंदर्य प्रसाधन अधिनियम' की धारा-26 के तहत मिले अधिकार का इस्तेमाल करते हुए यह आदेश जारी किया है। गैर-सरकारी विशेषज्ञ लंबे समय से इस दवा पर प्रतिबंध लगाने की मांग करते आ रहे थे। केंद्रीय औषधि मानक और नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने भी अपने औषधि तकनीकी सलाहकार बोर्ड की नवंबर में हुई बैठक में इस दवा पर प्रतिबंध लगाने की जरूरत को मान लिया था, लेकिन सरकार को यह फैसला लेने में लंबा समय लग गया। दवा को प्रतिबंधित करने की अधिसूचना में कहा गया है कि 'फ्लूपेंथिक्साल और मेलिट्रेसन की नियत संयुक्त खुराक के प्रयोग से मानव जीवन को खतरा होने की आशंका है। साथ ही इस दवा के विकल्प भी मौजूद हैं। इसलिए इसके उत्पादन, बिक्री और वितरण को प्रतिबंधित किया जाता है।'
डेनमार्क ही नहीं अमेरिका, ब्रिटेन, जापान, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में लंबे समय से यह दवा प्रतिबंधित है। भारत में यह कदम उठाने में हुई देरी के बारे में मंत्रालय के अधिकारी कहते हैं कि पिछले साल जून में भी इस संबंध में अधिसूचना जारी की गई थी, लेकिन कर्नाटक हाई कोर्ट ने अधिसूचना पर रोक लगा दी थी। अदालत ने इस फैसले पर दोबारा विचार करने को कहा था। ऐसे में दोबारा बोर्ड की बैठक बुलाकर नए सिरे से विचार करने के बाद ही यह फैसला लिया जा सकता था।