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राज्यसभा में बोले वित्त मंत्री, आठ हजार से ज्यादा हैं विल्फुल डिफॉल्टर

राज्यसभा में वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार विल्फुल डिफॉल्टरों के साथ किसी तरह की रियायत नहीं बरतेगी।

By Lalit RaiEdited By: Published: Wed, 20 Jul 2016 02:05 AM (IST)Updated: Wed, 20 Jul 2016 02:16 AM (IST)

नई दिल्ली (जेएनएन) । वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राज्यसभा में बताया कि 2015-16 में 8,167 इरादतन चूककर्ता थे। इन लोगों पर बैंकों का 76,685 करोड़ रुपये बकाया था और इस मामले में 1724 एफआइर दर्ज की गई। वहीं वर्ष 2014-15 में ऐसे चूककर्ताओं की संख्या 7031 थी और उन पर बैंकों का 59,656 करोड़ रुपये का बकाया था।

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वित्तमंत्री अरुण जेटली ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों के जवाब में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि ऋणवसूली जैसी स्थिति से निपटने के लिए बैंकों को अधिक अधिकार प्रदान करने के प्रावधान वाले एक विधेयक पर संसद की एक संयुक्त समिति विचार कर रही है।

कांग्रेस के आनंद शर्मा ने ऋण वसूली न्यायाधिकरणों में कई पदों के खाली होने का जिक्र किया। जेटली ने उनकी बात से सहमति जताते हुए ऋण वसूली न्यायाधिकरणों को अधिक प्रभावी बनाने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा कि संसद की संयुक्त समिति जिस संबंधित विधेयक पर विचार कर रही है, उसमें ऐसे न्यायाधिकरणों की संख्या बढ़ाने का प्रस्ताव किया गया है।

कांग्रेस के ही दिग्विजय सिंह ने ऐसे मामलों में दोषसिद्धि कम होने पर चिंता जतायी। वर्ष 2015-16 में इसकी दर 1.14 प्रतिशत थी, जबकि 2014-15 में यह दर 1.45 प्रतिशत थी। इस पर जेटली ने कहा कि दोषसिद्धि जांच एजेंसियों द्वारा मुहैया कराए जाने वाले सबूतों पर निर्भर करती है।

कौन होते हैं इरादतन चूककर्ता

इरादतन चूककर्ता वो लोग होते हैं, जिनके पास भुगतान की क्षमता है लेकिन वे ऐसा नहीं करते या जिन मकसदों से कर्ज लिया गया था, उसे पूरा नहीं किया गया और राशि का दुरुपयोग किया गया। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति से निपटने में बैंकों की मदद के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं और इस क्रम में उन्होंने हाल ही में दिवालिया संबंधी विधेयक के पारित होने का जिक्र किया।


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