एयर इंडिया की वीआरएस योजना ठंडे बस्ते में
सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया ने कर्मचारियों की घटती संख्या और धन के अभाव में वीआरएस को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। कंपनी सू़त्रों ने बताया कि पिछली बैठक में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) को आगे नहीं बढ़ाने का निर्णय किया गया। एयर इंडिया ने जुलाई 2012 में अपने उन सभी स्थायी कर्मचारियों के लिए वीआरएस को मं
मुंबई। सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया ने कर्मचारियों की घटती संख्या और धन के अभाव में वीआरएस को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। कंपनी सू़त्रों ने बताया कि पिछली बैठक में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) को आगे नहीं बढ़ाने का निर्णय किया गया।
एयर इंडिया ने जुलाई 2012 में अपने उन सभी स्थायी कर्मचारियों के लिए वीआरएस को मंजूरी दी थी जो 15 साल की सेवा पूरी कर चुके हैं या 40 साल या इससे ज्यादा उम्र के हैं। इसका मकसद वेतन बिल को कम कर घाटे से जूझ रही कंपनी की माली हालत में सुधार करना था। संभावना थी कि करीब 5,000 कर्मचारी इस योजना का लाभ उठाएंगे। चालू वित्त वर्ष में एयर इंडिया का वेतन बिल 3,100 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।
एयर इंडिया का स्टाफ ही कर रहा है सोने की तस्करी
पुनरुद्धार योजना के तहत कई तरह की कटौतियों से पिछले दो साल से अधिक समय से कंपनी का वेतन बिल कम हो रहा है। वित्त वर्ष 2011-12 में यह 3,500 करोड़ रुपये था जो पिछले वित्त वर्ष 2012-13 में 3,300 करोड़ रुपये था। सूत्रों के अनुसार, कंपनी वीआरएस योजना को अमल में लाने को लेकर गंभीर है क्योंकि एयरलाइन कार्यबल को कम करना चाहती है। हालांकि, पिछले ढाई साल में स्थिति बदल गई है क्योंकि सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों की संख्या अधिक है।
बेशर्म हो गए हैं डिफॉल्टर, छूट मिलने के बाद भी नहीं दे रहे टैक्स
पिछले दो साल में विभिन्न श्रेणियों में एयर इंडिया के 3,000 से अधिक कर्मचारी सेवानिवृत्त हुए हैं। इसके अलावा करीब 200 कर्मचारियों ने अन्य कारणों से इस्तीफा दिया। एयर इंडिया की नीति के अनुसार 20 साल की नौकरी पूरी करने वाला कोई भी कर्मचारी कंपनी छोड़ सकता है। सूत्रों के अनुसार एयर इंडिया ने वीआरएस के लिए सरकार से 1,200 करोड़ रुपये मांगे थे। मगर वित्त मंत्रलय ने एयरलाइन के अनुरोध को खारिज कर दिया।
मंत्रालय ने तर्क दिया है कि अगले करीब तीन साल में 7,000 कर्मचारी सेवानिवृत्त होंगे और 12,000 कर्मचारियों को जमीनी रखरखाव और इंजीनियरिंग इकाइयों में स्थानांतरित किया जाएगा। इससे कर्मचारियों की संख्या काफी कम हो जाएगी। एयरलाइन में स्थायी कर्मचारियों की संख्या फिलहाल करीब 24,000 है। 1,500 कर्मचारी इस साल मार्च में सेवानिवृत्त होंगे।