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एयर एशिया ने छेड़ा प्राइस वार, टिकटों की बिक्री शुरू

सस्ते किराये वाली एयरलाइन एयर एशिया इंडिया ने घरेलू विमानन उद्योग में कदम रखते ही प्राइस वार की शुरुआत कर दी है। 12 जून से परिचालन शुरू करने वाली एयरलाइन की पहली उड़ान बेंगलूर-गोवा रूट पर होगी। इसके लिए यात्रियों को टैक्स सहित किराया सिर्फ 990 रुपये देना होगा। इसके लिए टिकटों की बुकिंग शुक्रवार से शुरू हो गई। यह एयरलाइन मलेशिया की एयर एशिया और टाटा संस व टेलीस्ट्रा ट्रेडप्लेस की हिस्सेदारी वाला संयुक्त उद्यम है।

By Edited By: Published: Fri, 30 May 2014 08:16 AM (IST)Updated: Sat, 31 May 2014 01:32 AM (IST)

चेन्नई। सस्ते किराये वाली एयरलाइन एयर एशिया इंडिया ने घरेलू विमानन उद्योग में कदम रखते ही प्राइस वार की शुरुआत कर दी है। 12 जून से परिचालन शुरू करने वाली एयरलाइन की पहली उड़ान बेंगलूर-गोवा रूट पर होगी। इसके लिए यात्रियों को टैक्स सहित किराया सिर्फ 990 रुपये देना होगा। इसके लिए टिकटों की बुकिंग शुक्रवार से शुरू हो गई। यह एयरलाइन मलेशिया की एयर एशिया और टाटा संस व टेलीस्ट्रा ट्रेडप्लेस की हिस्सेदारी वाला संयुक्त उद्यम है।

एयर एशिया की इस पेशकश के बाद सस्ते किराये वाली देश की दिग्गज एयरलाइन स्पाइसजेट ने भी किरायों में कटौती की घोषणा कर दी। इसके तहत बेंगलूर-गोवा और बेंगलूर-चेन्नई रूटों के टिकट अब 1,499 रुपये में मिलेंगे। इसमें टैक्स शामिल नहीं है। नए किराये 12 जून से ही लागू होंगे, जिस दिन एयर एशिया की पहली उड़ान शुरू होने जा रही है। स्पाइसजेट इस साल जनवरी से अभी तक करीब सात बार किराये में कटौती के ऑफर ला चुकी है। माना जा रहा है कि इंडिगो और जेट एयरवेज भी किराये में कमी की घोषणा जल्द कर सकती हैं।

एयर एशिया इंडिया के सीईओ मिंट्टू चांडिल्य ने बताया कि कंपनी का लक्ष्य है कि हर भारतीय को हवाई यात्रा करने का मौका मिले। मौजूदा वित्त वर्ष के अंत तक एयरलाइन दस विमानों के जरिये देश के 10 शहरों तक पहुंच बना लेगी। फिलहाल कंपनी दिल्ली व मुंबई को अपने उड़ान रूट से अलग रखेगी।

टाटा-सिया सौदे पर केंद्र से जवाब तलब

नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। टाटा-सिया एयरलाइंस के बीच विमान संचालन को लेकर हुए अनुबंध के खिलाफ फेडरेशन ऑफ इंडियन एयरलाइंस ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। हाई कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए विमानन मंत्रालय, टाटा-सिंगापुर एयरलाइंस, विमानन नियामक डीजीसीए और विदेशी निवेश संव‌र्द्धन बोर्ड (एफआइपीबी) को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

अब इस मामले की सुनवाई 11 जुलाई को होगी। इस याचिका में आरोप लगाया गया है कि इस अनुबंध में विदेशी निवेश की शर्तो व नियमों का उल्लंघन किया गया है। इसलिए उस कंपनी को केंद्र सरकार द्वारा इसे संचालन की अनुमति देने के फैसले पर रोक लगाई जाए।


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