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एयर इंडिया को फरमान, पहले पैसे दो फिर उड़ान भरो

मुंबई हवाई अड्डे की संचालक मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड [मायल] ने सरकारी एयरलाइन एयर इंडिया को कैश एंड कैरी श्रेणी में डाल दिया है। इसके तहत एयरलाइन को अब यहां से उड़ान भरने के लिए पहले नकद भुगतान करना होगा। एयर इंडिया पर हवाई अड्डे के विभिन्न शुल्कों के बढ़ते बकाये को देखते हुए जीवीके समूह की अनुषंगी कंपनी मायल ने यह फैसला किया है।

By Edited By: Published: Thu, 22 May 2014 08:05 PM (IST)Updated: Thu, 22 May 2014 08:05 PM (IST)

मुंबई। मुंबई हवाई अड्डे की संचालक मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड [मायल] ने सरकारी एयरलाइन एयर इंडिया को कैश एंड कैरी श्रेणी में डाल दिया है। इसके तहत एयरलाइन को अब यहां से उड़ान भरने के लिए पहले नकद भुगतान करना होगा। एयर इंडिया पर हवाई अड्डे के विभिन्न शुल्कों के बढ़ते बकाये को देखते हुए जीवीके समूह की अनुषंगी कंपनी मायल ने यह फैसला किया है। इस बारे में एयरलाइन प्रबंधन को सूचित कर दिया गया है। उस पर मायल का 450 करोड़ रुपये बकाया है।

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सूत्रों के मुताबिक अगर एयरलाइन कैश एंड कैरी मॉडल के तहत यहां से उड़ान भरना चाहती है तो उसे जून तक 200 करोड़ रुपये का बकाया भुगतान करना होगा। एयर इंडिया के मुताबिक बुधवार को 40 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है।

आमतौर पर एयरलाइनें हवाई अड्डे की सेवाओं का इस्तेमाल उधारी के रूप में करती हैं। अगर उनपर बकाया ज्यादा बढ़ जाता है तो संचालक उनसे रोजाना नकद भुगतान के आधार पर सेवाओं का इस्तेमाल करने को कहते हैं। एयरलाइनें हवाई अड्डे पर लैंडिंग, नेविगेशन, पार्किग और अन्य सेवाओं के लिए एयरपोर्ट संचालक को फीस चुकाती हैं।

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