निर्यात घटने से 2015-16 की दूसरी तिमाही में गईं 70 हजार नौकरियां: रिपोर्ट
एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2015-16 की दूसरी तिमाही में निर्यात में भारी गिरावट के चलते करीब 70,000 कर्मचारियों की छटनी की गई है।
नई दिल्ली: एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2015-16 की दूसरी तिमाही में निर्यात में भारी गिरावट के चलते करीब 70,000 कर्मचारियों की छटनी की गई है। एसोचैम और थॉट आर्बिट्रिज के साझा अध्ययन में यह बात कही गई है कि माल निर्यातों में तेज गिरावट से 2015-16 की दूसरी तिमाही के दौरान 70,000 नौकरियां चली गईं हैं। यह रिपोर्ट कहती है कि ताजा अध्ययन से इस बात को जोर मिलता है कि रोजगार सृजन मुख्य रुप से घरेलू मांग के आधार पर होना चाहिए।
टेक्सटाइल्स सेक्टर सबसे ज्यादा प्रभावित:
निर्यात में भारी गिरावट के चलते जो हजारों लोगों की नौकरियां गईं हैं उनमें सबसे ज्यादा टेक्सटाइल्स सेक्टर प्रभावित हुआ है। जिन लोगों को कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर रोजगार मिला था बड़ी कटौती वहीं हुई है। वहीं पेरोल पर काम कर रहे लोग भी बेरोजगार हो चुके हैं। रिपोर्ट बताती है कि यह एक गंभीर चिंता का विषय है क्योंकि एक्सपोर्ट के माल बनाने वालीं अधिकतर इकाइयां कॉनट्रैक्ट के आधार पर काम करने वाले कर्मचारियों पर ही निर्भर रहती हैं। इस छटनी निर्यात इकाइयों की स्थिति बदतर हो सकती है।
सभी सेक्टर्स में हुई भारी छटनी:
अगर लेदर सेक्टर को छोड़ दिया जाए तो करीब-करीब सात सेक्टरों में रेग्युलर और कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स, दोनों की भारी छंटनी हुई। अध्ययन में बताया गया है कि ग्रोथ स्टोरी के दुबारा आगाज के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था को मांग बढ़ाने के साथ सात घरेलू परिदृश्यों पर गौर करना होगा। देश का निर्यात लगातार तीसरे महीने गिरा है।