Move to Jagran APP

जॉब्स बढ़ाने की पुरजोर पहल

पीएम नरेंद्र मोदी ने जिस उत्साह से 'मेक इन इंडिया' अभियान को लॉन्च किया और कॉरपोरेट व‌र्ल्ड द्वारा उसका जिस उत्साह से स्वागत किया गया, उससे उम्मीद बंधती है कि आने वाले दिनों में मैन्युफैक्चरिंग से जुड़े 25 खास क्षेत्रों का तेजी से विकास होगा और इससे देश के करोड़ों काबिल युवाओं को उनकी पसंद की नौकरियां मिल सकेंगी। कैसे होगा यह ि

By Edited By: Published: Tue, 30 Sep 2014 11:14 AM (IST)Updated: Tue, 30 Sep 2014 11:14 AM (IST)

पीएम नरेंद्र मोदी ने जिस उत्साह से 'मेक इन इंडिया' अभियान को लॉन्च किया और कॉरपोरेट व‌र्ल्ड द्वारा उसका जिस उत्साह से स्वागत किया गया, उससे उम्मीद बंधती है कि आने वाले दिनों में मैन्युफैक्चरिंग से जुड़े 25 खास क्षेत्रों का तेजी से विकास होगा और इससे देश के करोड़ों काबिल युवाओं को उनकी पसंद की नौकरियां मिल सकेंगी। कैसे होगा यह विकास और युवाओं को इसके लिए खुद को कैसे तैयार करना होगा, बता रहे हैं अरुण श्रीवास्तव..

loksabha election banner

यह देखने, सुनने और सोचने में बहुत अच्छा लग रहा है। ऐसी जोरदार पहल पहले शायद ही किसी सरकार ने की हो। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर सरकार ने 'मेक इन इंडिया' अभियान के तहत जिस तरह दुनिया भर की कंपनियों का आह्वान किया है और उन्हें मैन्युफैक्चरिंग से जुड़े 25 क्षेत्रों में भारत में उत्पादन करने का न्यौता दिया है, अगर उस पर पूरी तरह से अमल हो गया तो देश का काया पलट हो जाएगा। ऐसे में भारत व‌र्ल्ड लीडर भी बन सकता है।

वक्त की जरूरत

'मेक इन इंडिया' के तहत जो 25 क्षेत्र चुने गए हैं, उनमें लगभग सारे डेवलपिंग सेक्टर शामिल हैं। करीब सवा अरब की आबादी वाले दुनिया के दूसरे विशाल देश की एक बड़ी समस्या बेरोजगारी है। इतनी बड़ी आबादी में से हर किसी को न तो सरकारी नौकरी दी जा सकती है और न ही सभी को अभी तक प्राइवेट सेक्टर में ही समायोजित किया जा सका था। ऐसे में उक्त 25 क्षेत्रों में दुनिया की तमाम बड़ी कंपनियों को भारत बुलाकर मैन्युफैक्चरिंग करने का न्यौता देना बदलते वक्त की जरूरत है। विडंबना यह है कि अभी तक इन क्षेत्रों को प्रोत्साहित करने के लिए कोई विशेष ध्यान नहीं दिया गया था, लेकिन केंद्र की नई सरकार ने अपने शुरुआती कदम से ही न केवल कॉरपोरेट व‌र्ल्ड को जोड़ने की दिशा में कदम आगे बढ़ाए हैं, बल्कि इससे देश की विशाल युवा आबादी के हर हाथ को काम देने की मंशा भी जता दी है।

करोड़ों जॉब्स का आगाज

इस योजना का जोरदार स्वागत करने वाला कॉरपोरेट जगत भी खासा उत्साहित है और उसे उम्मीद है कि अगर इस पर ईमानदारी से अमल किया गया, तो न सिर्फ उत्पादकता तेजी से बढ़ेगी बल्कि निर्यात को भी जबर्दस्त बढ़ावा मिलेगा। साथ ही, विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ने से देश समृद्ध और मजबूत होगा। इतना ही नहीं, इससे अगले दस वर्षो में तकरीबन नौ करोड़ नौकरियों का सृजन हो सकता है। इससे बेरोजगारी दर न्यूनतम पर आ सकती है।

यूथ पावर

न्यूयॉर्क के मैडिसन स्क्वॉयर गार्डेन से भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिकों और कारोबारियों को संबोधित करते हुए भी पीएम नरेंद्र मोदी ने 'मेक इन इंडिया' के लिए उनका सहयोग मांगते हुए उन्हें भारतीय युवा शक्ति का अहसास भी कराया। उल्लेखनीय है कि हमारे देश की करीब 60 करोड़ आबादी 35 साल से कम उम्र के युवाओं की है। यह यूथ पावर देश में स्थापित होने वाले उद्यमों के लिए बेहद महत्वपूर्ण हो सकता है।

करें कल की तैयारी

अब जबकि आने वाले दिनों में करोड़ों नौकरियों के दरवाजे खुल सकते हैं, तो इसके लिए सबसे ज्यादा जरूरी यह है कि हमारे युवा खुद को अपने टैलेंट वाले क्षेत्र में काबिल बनाने की हर संभव तैयारी करें। अपनी इंट्रेस्ट वाले क्षेत्र में खुद को तकनीकी रूप से सक्षम बनाएं, ताकि सामने आने वाले अवसरों का समुचित लाभ उठा सकें। इसके लिए हर युवा अपनी क्षमता के अनुरूप कदम आगे बढ़ा सकता है। अगर अभी आप हायर टेक्निकल स्टडी कर रहे हैं, तो उसके साथ इंडस्ट्री की रिक्वॉयरमेंट को समझते हुए अपनी प्रैक्टिकल नॉलेज को बढ़ाने का प्रयास करें। कॉलेज-इंडस्ट्री के बीच इंटरैक्शन सेशन होते हैं, तो उसका पूरा लाभ उठाएं। अगर ऐसा नहीं होता है, तो ऐसे इंटरैक्शन के लिए अपनी ओर से पहल करें। इससे आपकी नॉलेज और कॉन्फिडेंस दोनों बढ़ेगा। इसका फायदा आपको जल्द जॉब पाने में मिल सकता है। यदि आप पॉलिटेक्निक या आइटीआइ या इसके समकक्ष पढ़ाई कर रहे हैं, तो भी इंडस्ट्री की रिक्वॉयरमेंट को समझना और उसके मुताबिक खुद को ढालना जरूरी है। हर समय जागरूक रहें और समय के साथ अपनी स्किल को अपडेट करते रहें।

कॉलेज भी करें पहल

निकट भविष्य में सामने आने वाले जोरदार अवसरों का लाभ हमारे युवा तभी उठा सकेंगे, जब हमारे शिक्षा संस्थान उन्हें थ्योरेटिकल से कहीं ज्यादा अपडेटेड प्रैक्टिकल नॉलेज उपलब्ध कराने की दिशा में पहल करेंगे।

इसके लिए उन्हें इंडस्ट्री के एक्सप‌र्ट्स को पर्याप्त संख्या में अपनी फैकल्टी में शामिल करना होगा, जो स्टूडेंट्स को इंडस्ट्री की नीड बखूबी बता-समझा और उसके मुताबिक उन्हें तैयार कर सकते हैं। इसके अलावा, नियमित रूप से स्टूडेंट्स को इंडस्ट्री विजिट के लिए भी भेजना होगा, जो खुद अपनी आंख से इंडस्ट्री को देख सकें। इससे उन्हें व्यावहारिक जरूरतों को सीखने-जानने की प्रेरणा मिलेगी।

'मेक इन इंडिया' के टॉप 25 सेक्टर्स

ऑटोमोबाइल और ऑटोमोबाइल कंपोनेंट्स, आइटी, केमिकल्स, फार्मास्युटिकल्स, टेक्सटाइल्स, पोर्ट, एविएशन, लेदर, टूरिज्म ऐंड हॉस्पिटैलिटी, रेलवे, माइनिंग, बायो टेक्नोलॉजी, इलेक्ट्रॉनिक्स, कंस्ट्रक्शन, डिफेंस ऐंड मैन्युफैक्चरिंग, इलेक्ट्रिकल मशीनरी, फूड प्रॉसेसिंग, मीडिया ऐंड एंटरटेनमेंट, ऑयल ऐंड गैस, रिन्यू्एबल एनर्जी, रोड ऐंड हाइवेज, स्पेस, थर्मल पावर और वेलनेस।

* युवा खुद को स्किल्ड बनाकर ही भावी उद्यमों में अपना रोल बखूबी निभा सकते हैं।

* युवाओं को काबिल बनाने के लिए सरकार और शिक्षा संस्थानों को मिलकर कारगर पहल करनी चाहिए।

* इसके लिए थ्योरी की बजाय अपडेटेड और एडवांस प्रैक्टिकल नॉलेज को करिकुलम में शामिल करने पर जोर दिया जाना चाहिए।

* एग्जाम और डिग्री पर जोर देने की बजाय व‌र्ल्ड क्लास स्किल डेवलप करने पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है।

पढ़े: डेडलाइन की वैल्यू


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.