रिज्यूमे है आपका फर्स्ट इंप्रेशन
रिज्यूमे किसी एंप्लॉयर के सामने आपका फर्स्ट इंप्रेशन होता है जिसके द्वारा सेकंडों में आपकी छवि बन या बिगड़ सकती है, इसलिए रिज्यूमे द्वारा किसी एंप्लॉयर को आकर्षित करना इतना आसान नहीं होता। आइए जानते हैं कि एक बेहतर रिज्यूमे में क्या होना चाहिए और क्या नहीं होना चाहिए...
रिज्यूमे किसी एंप्लॉयर के सामने आपका फर्स्ट इंप्रेशन होता है जिसके द्वारा सेकंडों में आपकी छवि बन या बिगड़ सकती है, इसलिए रिज्यूमे द्वारा किसी एंप्लॉयर को आकर्षित करना इतना आसान नहीं होता। आइए जानते हैं कि एक बेहतर रिज्यूमे में क्या होना चाहिए और क्या नहीं होना चाहिए...
किसी एंप्लॉयर के सामने फर्स्ट इंप्रेशन जबर्दस्त हो इसके लिए यह जरूरी है कि आपका रिज्यूमे बेहतरीन बना हो। किसी रिज्यूमे के द्वारा असल में एंप्लॉयर यह जानना चाहता है कि कैंडिडेट ने अभी तक क्या सीखा है, किस तरह का योगदान उसका रहा है और कितना कमा रहा है। एक बेहतरीन रिज्यूमे के द्वारा आप यह बता सकते हैं कि संबंधित इंडस्ट्री में आपका अनुभव किस लेवल का है।
बेसिक इंफॉर्मेशन में न हो गलती
रिज्यूमे में अपने बारे में बेसिक इंफॉर्मेशन जैसे कॉन्टैक्ट नंबर, ई-मेल आदि सही-सही रिज्यूमे के ऊपर बिल्कुल टॉप पर दें। इसे बिल्कुल नीचे न दें। जहां तक पोस्टल एड्रेस की बात है तो उसे ऊपर न दें, तो अच्छा है।
आपकी उपलब्धियां और सफलताएं
एंप्लॉयर यह जानना चाहता है कि आपने अपने विभाग, टीम या कंपनी में क्या योगदान दिया है। इस तरह से कंपनी जानना चाहती है कि आप उसकी जरूरतों और जिम्मेदारियों के लिहाज से कितने मजबूत या उपयुक्त
कैंडिडेट हैं।
रिज्यूमे किसी भी तरह से हो, साल-दर-साल का ब्योरा या महत्वपूर्ण काम के हिसाब से विवरण, आपको ध्यान बस इस बात का रखना चाहिए कि इसे पढ़ना किसी के लिए रोचक हो। हां, लेकिन इस बात का भी ध्यान रहे कि क्रोनोलॉजिकल जॉब हिस्ट्री की जगह यदि आप फंक्शनल रिज्यूमे देते हैं, तो कई एंप्लॉयर को यह शक होता है कि आप कुछ छिपा रहे हैं।
दे सकते हैं संबंधित लिंक
आप जिस पोस्ट या फील्ड के लिए अप्लाई कर रहे हैं उसके मुताबिक अपने काम का यूआरएल लिंक दे सकते हैं। अगर किसी को जॉब करते हुए कई साल हो गए हैं तो इस दौरान किए गए सभी महत्वपूर्ण कार्यों का विवरण रिज्यूमे में देना संभव नहीं होता है और न ही रिक्रूटर के पास इतना विवरण पढ़ने का समय नहीं होता। इसलिए अपने कार्य का आपको लिंक देना चाहिए जिससे एंप्लॉयर अगर चाहे तो उस पर क्लिक करके डिटेल हासिल कर सके।
कम शब्दों में ज्यादा जानकारी
अपने करियर के मौजूदा वर्क और लक्ष्य बताते समय या और कोई जानकारी देते समय कोशिश यही करें कि कम से कम शब्दों में ज्यादा से ज्यादा चीज सामने आए जाए। आमतौर पर लोग बहुत कुछ लिख देने की गलतियां करते हैं। इसका नतीजा यह होता है कि रिक्रूटर उस सेक्शंन को सरसरी तौर पर देख आगे बढ़ जाते हैं। अपनी स्किल, क्षमताओं और नेतृत्व। क्षमताओं के बारे में बताएं।
ऑब्जेक्टिव को अवॉइड करें
किसी रिज्यूमे में ऑब्जेक्टिव लिखने से खास मदद नहीं मिलती। असल में ऑब्जेक्टिव से यह पता चलता है कि आप क्या चाहते हैं, न कि यह कि एंप्लॉयर क्या चाहता है। इसलिए कोशिश यह करें कि आपका रिज्यूमे एंप्लॉयर की जरूरतों पर खरा उतरता हो। रिज्यूमे में अपने अनुभव, कौशल और उपलब्धियों को ही दर्शाएं। यदि आप यह विस्तार से बताना चाहते हैं कि कंपनी के खाली पोजिशन के लिए आप किस तरह से उपयुक्त हैं, तो इसके लिए कवर लेटर का सहारा लें।
शॉर्ट टर्म जॉब का उल्लेख न हो
रिज्यूमे में आप पार्ट टाइम या शॉर्ट टाइम जॉब का उल्लेख करने से बचें, क्योंकि इससे रिक्रूटर बहुत खुश नहीं होता। इसकी वजह यह हो सकती है कि एंप्लॉयर यह चाहता है कि आप रेगुलर जॉब को गंभीरता से लें और काम में लापरवाही करने पर नौकरी जाने का डर बना रहे। इसी तरह कुछ महीनों के किसी काम या पार्ट टाइम काम की उपलब्धियों का बहुत असर नहीं पड़ता।
फैंसी डिजाइन की जरूरत नहीं
रिज्यूमे बहुत असामान्य डिजाइन और रंगीन होने से एंप्लॉयर और भड़कता ही है। आपकी स्किल और उपलब्धियां ही एंप्लॉयर को प्रभावित करेंगी, रंग-बिरंगी सजावट नहीं। इसलिए रिज्यूमे को रंगीन बनाने या अन्या फैंसी सजावट से बिल्कुल बच कर रहें।
आत्मप्रशंसा से बचें
आपका रिज्यू्मे आपके अनुभव और उपलब्धियों का लेखा-जोखा होता है, उसमें यदि आप अपनी बड़ाई करने के लिए ‘ग्रेट लीडरशिप स्किल्स’ ‘क्रिएटिव इनोवेटर’ जैसे शब्दों को डालते हैं, तो उसका कोई फायदा नहीं, क्योंकि एंप्लॉयर आपके ऐसे स्व-आकलन पर बहुत भरोसा नहीं करते है। इसलिए अपने रिज्यूमे में तटस्थ तथ्य रखें तो बेहतर है।
दो पेज काफी है
यदि आप करियर की शुरुआत कर रहे हैं, तो एक पेज का रिज्यूमे ही काफी है, क्योंकि आपका एक्सपीरियंस इतना नहीं होता जिसे आप दूसरे पेज तक खींच सकें। इसी तरह अनुभवी लोगों के लिए भी दो पेज का रिज्यूमे पर्याप्त है। कोई भी एंप्लॉयर एक रिज्यूमे देखने में आधा मिनट से ज्यादा खर्च नहीं करता, इसलिए अतिरिक्ति पेज लगाने से कई चीजें इग्नोर ही हो जाएंगी।
रहे ध्यान
* रिज्यूमे के द्वारा कोई भी एंप्लॉयर यह जानना चाहता है कि आपने अपने विभाग, टीम या कंपनी में क्या योगदान दिया है।
* आपकी स्किल और उपलब्धियां ही एंप्लॉयर को प्रभावित करती हैं, रिज्यूमे की रंग-बिरंगी सजावट नहीं।
* रिज्यूमे में पार्ट टाइम या शॉर्ट टाइम जॉब का उल्लेख करने से रिक्रूटर बहुत खुश नहीं होता।
* कोशिश यही करें कि कम से कम शब्दों में ज्यादा से ज्यादा चीज सामने आए जाए।
[जागरण फीचर]