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अर्न करें इंटर्न से

अगर आपको अपनी काबिलियत पर भरोसा है और आगे इंटर्नशिप के जरिए प्रोफेशनल दुनिया की व्यावहारिक बातें सीखना चाहते हैं, तो कंपनियों के दरवाजे आपके लिए खुले हैं। समर इंटर्नशिप के जरिए आप सैलरी के बराबर स्टाइपेंड पा सकते हैं और अगर कंपनी को आपका काम पसंद आ गया, तो

By Rajesh NiranjanEdited By: Published: Tue, 21 Apr 2015 05:25 PM (IST)Updated: Tue, 21 Apr 2015 05:29 PM (IST)
अर्न करें इंटर्न से

अगर आपको अपनी काबिलियत पर भरोसा है और आगे इंटर्नशिप के जरिए प्रोफेशनल दुनिया की व्यावहारिक बातें सीखना चाहते हैं, तो कंपनियों के दरवाजे आपके लिए खुले हैं। समर इंटर्नशिप के जरिए आप सैलरी के बराबर स्टाइपेंड पा सकते हैं और अगर कंपनी को आपका काम पसंद आ गया, तो हाथोंहाथ जॉब का ऑफर भी मिल सकता है। खुद को कैसे करें इंटर्नशिप के लिए तैयार, बता रहे हैं अरुण श्रीवास्तव...

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शरमन बीटेक के बाद जॉब मार्केट में अपनी वैल्यू बढ़ाने के लिए एमबीए कर रहे हैं। अभी उनका पहला साल है। शरमन की खास बात यह है कि वह सिर्फ कॉलेज और किताबों के भरोसे रहने की बजाय जॉब मार्केट और इंडस्ट्री पर लगातार नजर रखते हुए खुद को उसके मुताबिक तैयार करने की कोशिश करते रहते हैं। इसके लिए वह अक्सर अपनी पहल पर इंडस्ट्री की विजिट भी करते हैं। इस क्रम में कई कंपनियों के जिम्मेदार पदों पर बैठे अधिकारियों से उनकी जान-पहचान हो गई। उनकी लगन, इनोवेटिव-पॉजिटिव सोच और विनम्रता देख अधिकारी भी उन्हें अपने इंडस्ट्री की बुनियादी बातों से अवगत कराते रहते हैं। जाहिर है कि जब उनके कॉलेज में विभिन्न कंपनियों के अधिकारी इंटर्नशिप ऑफर लेकर आए, तो पहले चरण में ही शरमन ने सभी को प्रभावित कर लिया। ऐसे में उन्हेंं एक नहीं, बल्कि तीन-तीन कंपनियों से इंटर्नशिप का ऑफर मिल गया और वह भी एक महीने के लिए 50 हजार रुपये के साथ। यह सिर्फ अकेले शरमन की ही बात नहीं है, उन जैसे तमाम होनहार स्टूडेंट्स के लिए इन दिनों कंपनियों ने अपने दरवाजे खोल दिए हैं। अगर आपने भी खुद को अपने फील्ड की रिक्वॉयरमेंट के मुताबिक अपडेट रखा है, तो आगामी छुट्टियां आपके लिए स्किल निखारने के साथ-साथ पैसे की बरसात भी करा सकती हैं। अगर आपके कॉलेज में इंटर्नशिप ऑफर के लिए कंपनियां नहीं भी आतीं, तो अपने रेज्यूमे के साथ उन कंपनियों से उनकी वेबसाइट के जरिए संपर्क बनाकर इंटर्नशिप के लिए आवेदन कर सकते हैं।

टैलेंट की तलाश

पिछले एक से दो साल के भीतर देश में जिस तरह ई-कॉमर्स कंपनियों, ई-पेमेंट कंपनियों और स्टार्ट-अप्स ने धमाल मचाया है, उससे टैलेंटेड युवाओं के लिए मौके भी कई गुना बढ़ गए हैं। देश-दुनिया की तमाम कंपनियां मैन पावर हायरिंग के लिए इंडिया की तरफ देख रही हैं। ऐसे में टैलेंटेड युवाओं की तलाश में उनके बीच प्रतिस्पर्धा भी बढ़ गई है। इसका नतीजा यह हुआ है कि पहले जहां इंटर्नशिप के लिए 25 हजार रुपये मासिक के ऑफर आते थे, वह इस साल बढ़कर 50 हजार से 1 लाख रुपये मासिक तक पहुंच गया है। इतना ही नहीं, पेटीएम, स्नैपडील, फ्लिपकार्ट, जॉम्बे, फूडपांडा जैसी तमाम कंपनियों ने हायर किए जाने वाले इंटर्न की संख्या में भी इस साल डबल से ज्यादा का इजाफा कर दिया है। इसके बावजूद आलम यह है कि कई कंपनियों द्वारा एक लाख रुपये महीना ऑफर करने के बावजूद उन्हें पर्याप्त संख्या में इंटर्न नहीं मिल पा रहे हैं।

गोल्डन चांस

अब इसे काबिल युवाओं के लिए तो सुनहरा अवसर ही कहा जाएगा। इसका पूरा फायदा उठाने के लिए उनके पास पसंदीदा ऑप्शन चुनने का मौका भी है। उन्हें अपनी विशेषज्ञता और रुचि के क्षेत्र में ऑफर स्वीकार करके इंटर्नशिप के दौरान पूरी लगन से काम सीखने का प्रयास करना चाहिए। इसके अलावा, वे जहां अपना बेस्ट दे सकें, उससे पीछे कतई नहीं हटना चाहिए। बेहतर परफॉर्मेंस के जरिए इस मौके को आप आगे के लिए भुना सकते हैं। अगर दो महीने की इंटर्नशिप के दौरान आपने अपने काम और एटीट्यूड से कंपनी और संबंधित अधिकारियों को प्रभावित कर लिया, तो इस बात की पूरी उम्मीद है कि कोर्स पूरा करने के बाद आपको वहीं से फुलटाइम जॉब का ऑफर भी मिल जाए, वह भी आकर्षक पैकेज के साथ।

हुनर तराशें

अगर आप आने वाले समय में बेहतर इंटर्नशिप और जॉब के बेहतर मौके चाहते हैं, तो भी आपको अभी से खुद को तराशने के अभियान में जुट जाना चाहिए। आज के कॉम्पिटिटिव दौर में यह न सोचें कि आप पढ़ाई में हमेशा अव्वल आते रहे हैं या आपके माक्र्स सबसे ज्यादा रहे हैं और आप इसके बल पर आसानी से जॉब हासिल कर सकते हैं।

यह अच्छी बात है कि आप पढ़ाई में हमेशा से अच्छे रहे हैं, लेकिन क्या आपने इस बात पर गौर किया है कि मार्केट या इंडस्ट्री की रिक्वॉयरमेंट पर आप कितने खरे उतरते हैं? मैंने तो अभी तक यही देखा है कि कुछ प्रतिष्ठित संस्थानों को छोड़कर ज्यादातर संस्थानों (खासकर छोटे शहरों में स्थित) के स्टूडेंट आमतौर पर किताबी पढ़ाई पर ही केंद्रित रहते हैं। देश और दुनिया की जरूरतें कैसे और कितनी तेजी से बदल रही हैं, इससे उन्हें कोई सरोकार नहीं होता (बेशक व्यक्तिगत रूप से वे सोशल मीडिया पर खूब सक्रिय रहते हैं, भले ही यह सक्रियता ज्यादातर निरर्थक ही क्यों न होती हो)।

व्यावहारिक हों कदम

हालांकि ज्यादातर कॉलेजों में किताबी पढ़ाई, पुराने ढर्रे के कोर्स और एग्जाम को तवज्जो दिए जाने के लिए मूल रूप से संस्थान और नियामक एजेंसियां ही जिम्मेदार हैं, जो एजुकेशन को भी बिजनेस की तरह मुनाफे का सौदा मानकर संचालित करती हैं। इससे उनका तो कुछ नहीं बिगड़ता, लेकिन इससे युवाओं के बेहतर करियर पर प्रश्नचिह्न जरूर लग जाता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी हाल की फ्रांस, जर्मनी और कनाडा यात्रा के दौरान भले ही एक बार यह दुहराया हो कि भारत में 80 करोड़ युवा और उनके 160 करोड़ मजबूत हाथ हैं। यह भी कि इतना सामथ्र्य रखने वाला भारत दुनिया का अकेला देश है। पर सवाल यह है कि क्या हम इन 160 करोड़ हाथों को हुनरमंद बनाने की कोई कारगर कोशिश भी कर भी रहे हैं या नहीं। जाहिर है कि सरकार और संस्थाओं को लुभावने नारों से ऊपर उठते हुए युवाओं को हुनरमंद बनाने के लिए जमीनी स्तर पर काम करके दिखाना होगा, तभी ‘स्किल इंडिया’ का सपना पूरी तरह साकार हो सकेगा। इसके लिए आइटीआइ, पॉलिटेक्निस, तकनीकी संस्थानों में आमूलचूल सुधार करके उन्हें सीधे इंडस्ट्री से जोड़ना होगा, ताकि बदलते मार्केट और इंडस्ट्री की जरूरतों के अनुसार पर्याप्त संख्या में मैनपावर उपलब्ध कराया जा सके।

सीखने की करें पहल

आप जहां पढ़ाई कर रहे हैं, अगर उस संस्थान की तरफ से स्किल डेवलपमेंट या इंडस्ट्री से इंटरैक्शन के लिए कोई पहल नहीं की जाती, तो आप हाथ पर हाथ धरे बैठे न रहें। खुद पहल करें। इंडस्ट्री के बारे में पढ़ें-समझें और खुद आगे बढ़कर उससे संपर्क करने की कोशिश करें। शुरुआत में कोई रिस्पॉन्स न मिले, तो बिना परेशान हुए अपने प्रयास जारी रखें। एक बार मौका मिल जाने पर उसे हाथ से निकलने न दें। अपनी लगन, मेहनत और एटीट्यूड से दूसरों को प्रभावित करें। इससे आपका कॉन्फिडेंस बढ़ेगा और आने वाले दिनों में बेहतर मौके जरूर मिलेंगे।

* टैलेंटेड लोगों की तलाश में तमाम कंपनियों ने समर इंटर्नशिप के स्टाइपेंड को बढ़ाकर दोगुने से भी ज्यादा कर दिया है।

* पेटीएम, स्नैपडील और फूडपांडा जैसी कंपनियां 2 महीने की इंटर्नशिप के लिए 1 लाख रुपये तक दे रही हैं।

* ई-कॉमर्स कंपनियों की बहार आने से इंटर्नशिप के मौके भी लगातार बढ़ रहे हैं। किसी-किसी कंपनी ने तो इंटर्न की संख्या भी डबल कर दी है।

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