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मोनिका के हत्यारों को उम्रकैद की सजा, 1.15 लाख का जुर्माना, दो निर्दोष

बहुचर्चित मोनिका किरणापुरे हत्या प्रकरण के मास्टर माइंड सहित चार आरोपियों को नागपुर जिला अदालत ने उम्रकैद तथा 1.15 लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। प्रकरण के दो आरोपियों को सबूतों के अभाव के चलते निर्दोष घोषित कर बरी किया गया है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Thu, 04 Jun 2015 05:32 AM (IST)Updated: Thu, 04 Jun 2015 05:34 AM (IST)

नागपुर। शहर के बहुचर्चित मोनिका किरणापुरे हत्या प्रकरण के मास्टर माइंड सहित चार आरोपियों को नागपुर जिला अदालत ने उम्रकैद तथा 1.15 लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। प्रकरण के दो आरोपियों को सबूतों के अभाव के चलते निर्दोष घोषित कर बरी किया गया है। मंगलवार को जिला न्यायाधीश एम.डब्ल्यू. चांदवानी की अदालत ने फैसला सुनाते हुए प्रकरण के मुख्य सूत्रधार कुणाल जैस्वाल को उम्रकैद तथा एक लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। प्रकरण के अन्य आरोपी उमेश मराठे, प्रदीप सहारे तथा श्रीकांत सोनेकर को भी उम्रकैद तथा पांच-पांच हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माने की राशि मृतक के माता-पिता को अदा करना है। प्रकरण में सबूत नष्ट करने के दोष के लिए आरोपी बनाए गए रामेश्वर सोनेकर तथा गीता मालदूरे को सबूतों के अभाव में अदालत ने निर्दोष घोषित कर बरी किया है।

आपराधिक इतिहास नहीं: बचाव पक्ष

सुबह अदालत ने फैसला सुनाते हुए मुख्य आरोपी कुणाल जैस्वाल सहित चार आरोपियों को मोनिका की हत्या के लिए दोषी करार दिया। दोपहर को आरोपियों को कठोर सजा क्यों न दी जाए ? यह तय करने के लिए दलीलें दी गर्इं। बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता सुदीप जयस्वाल ने कहा कि आरोपियों की कम उम्र और गैर-आपराधिक इतिहास को देखते हुए इन्हें कम सजा दी जानी चाहिए। अभियोजन पक्ष की ओर से अधिवक्ता उज्ज्वल निकम द्वारा इन आरोपियों को फांसी की सजा दिए जाने की मांग को खारिज करते हुए अधिवक्ता जयस्वाल ने यह दलील दी।

हम धनी होते तो होती फांसी

अगर यह घटना किसी पैसे वाले के साथ घटी होती तो शायद यह मामला दुर्लक्ष मामले की श्रेणी में होता एवं आरोपियों को फांसी होती थी। हम गरीब हैं इसलिए इस मामले को दुर्लभ मामले की श्रेणी में नहीं आंका गया। अदालत के फैसले से नाखुश मृतक के पिता दशरथ तथा माता वंदना ने कुछ इस तरह प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने इस फैसले के विरुद्ध हाईकोर्ट जाने तथा आरोपियों को फांसी की सजा देने का आग्रह शीघ्र करने की मंशा जताई।

क्या है प्रकरण

उल्लेखनीय है कि 11 मार्च 2011 की सुबह लगभग 11 बजे नंदनवन स्थित के.डी.के. कॉलेज के पास कुछ हमलावरों ने मोनिका किरणापुरे नामक युवती की हत्या कर दी थी। यह हत्या उस वक्त की गई, जब मोनिका हॉस्टल से कॉलेज जा रही थी। बुरी तरह से जख्मी मोनिका की मदद करते हुए एक राहगीर ने उसे अस्पताल ले जाने की कोशिश भी की थी, परंतु अस्पताल पहुंचने के पहले ही मोनिका की मौत हो गई थी। नंदनवन पुलिस ने जांच में पाया कि आरोपी कुणाल जैस्वाल ने सुपारी देकर अन्य आरोपियों के माध्यम से यह हत्या करवाई है। आरोपी किसी अन्य युवती की हत्या करना चाहते थे, परंतु मोनिका का चेहरा स्कार्फ से ढंका था। कद-काठी उस युवती जैसी होने और गलत पहचान के चलते मोनिका की हत्या इन हत्यारों ने कर दी थी। पुलिस जांच के अनुसार, आरोपी कुणाल बदला लेने के लिए किसी अन्य युवती की हत्या कराना चाहता था।


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