ठाणे में किसान-पुलिस संघर्ष, 26 घायल
मुंबई से करीब 50 किलोमीटर दूर ठाणे के नेवाली गांव में किसानों ने कई स्थानों पर गुरुवार सुबह से उग्र प्रदर्शन शुरू कर दिया था।
मुंबई, राज्य ब्यूरो। महाराष्ट्र के ठाणे जनपद में प्रतिरक्षा विभाग की जमीन पर चहारदीवारी बनाने का विरोध करते हुए किसान सड़क पर उतर आए। उग्र किसानों ने कई वाहन फूंक दिए। इस दौरान किसानों एवं पुलिस के बीच हुए संघर्ष में 26 लोग घायल हो गए। इनमें 12 किसान, 12 पुलिसकर्मी एवं दो पत्रकार शामिल हैं।
मुंबई से करीब 50 किलोमीटर दूर ठाणे के नेवाली गांव में किसानों ने कई स्थानों पर गुरुवार सुबह से उग्र प्रदर्शन शुरू कर दिया था। किसानों ने कल्याण-हाजी मलंग मार्ग पर जलते हुए टायर एवं लकड़ी के लठ़ठे फेंककर यातायात बाधित कर दिया। हालात काबू में करने गई पुलिस पर भी प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया एवं उनके वाहनों को आग लगा दी। कुछ निजी वाहनों को भी आग लगाई गई है। जले वाहनों में एक वैन, तीन ट्रक, दो मोटरसाइकिल एवं एक टैंपो शामिल हैं। उग्र भीड़ पर काबू पाने के लिए पुलिस को रबर की गोलियां चलानी पड़ीं, जिनसे 26 लोग घायल हो गए।
मामला कल्याण के निकट करीब 1670 एकड़ भूखंड का है। करीब 75 वर्ष पहले दूसरे विश्वयुद्ध के समय इस भूखंड पर प्रतिरक्षा विभाग ने एक हवाई पट्टी बनाई थी। जीर्ण स्थिति में यह हवाई पट्टी यहां अब भी मौजूद है। लेकिन, हवाई पट्टी के आसपास किसानों ने खेती करनी शुरू कर दी। विवाद तब शुरू हुआ, जब करीब डेढ़ दशक पहले सरकार ने इस हवाई पट्टी को राज्य के तीसरे रक्षा हवाई अड्डे के रूप में विकसित करने पर काम शुरू किया। पिछले दिनों प्रतिरक्षा विभाग ने भूखंड का सीमांकन कर उस पर बाउंड्री बनानी शुरू कर दी।
दूसरी तरफ किसानों का कहना है कि द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद यह जमीन उनके पुरखों को वापस कर दी गई थी। लेकिन, किसानों के पास अपने दावे के समर्थन में कोई कागज नहीं है। जबकि प्रतिरक्षा विभाग के प्रवक्ता कमांडर राहुल सिन्हा का दावा है कि इस भूखंड के कागजात प्रतिरक्षा विभाग के संपत्ति अधिकारी के पास हैं। महाराष्ट्र हाल ही में किसानों के एक बड़े आंदोलन से गुजरा है। अब यह नया मुद्दा सामने आ गया है। सरकार नहीं चाहती कि यह मामला और भड़के। संभवत: इसीलिए रक्षा राज्य मंत्री सुभाष भामरे ने शुक्रवार को सभी पक्षों की दिल्ली में बैठक
बुलाई है।
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