14 माह के ब्रेन डेड बच्चे के अंगदान से बची एक जान
अंगदान के बाद बच्चे की किडनी अहमदाबाद के इंस्टीट्यूट ऑफ किडनी डिजीज एंड रिसर्च सेंटर भेजी गई।
मुंबई, प्रेट्र। सूरत में एक दंपती ने अपने चौदह माह के ब्रेन डेड बच्चे के हृदय समेत महत्वपूर्ण अंग दान कर समाज के सामने उदाहरण पेश किया है। इस अंगदान से मुंबई में साढ़े तीन साल की एक बच्ची को नया जीवन मिला है।
मुंबई के फोर्टिस अस्पताल का दावा है कि पश्चिमी भारत में अंगदान करने वाला यह सबसे छोटा बच्चा है। बच्चा खेलते समय गिर गया था। उसे तुरंत सूरत के न्यू सिविल हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया। ब्रेन डेड अवस्था में मस्तिष्क काम करना बंद कर देता है, लेकिन शरीर के अन्य अंग काम कर रहे होते हैं। एक स्थानीय एनजीओ ने बच्चे के माता-पिता को अंगदान के लिए राजी किया।
अंगदान के बाद बच्चे की किडनी अहमदाबाद के इंस्टीट्यूट ऑफ किडनी डिजीज एंड रिसर्च सेंटर भेजी गई। उसके हृदय को निजी फ्लाइट और ग्रीन कॉरीडोर बनाकर उपनगरीय इलाके मुलुंड के फोर्टिस अस्पताल लाया गया। जहां इस हृदय को नवी मुंबई के कलामबोली इलाके में रहने वाली बच्ची को प्रत्यारोपित किया गया। यह बच्ची डाइलेटिड कार्डियोमायोपेथी (ऐसी स्थिति जिसमें हृदय के रक्त पंप करने की क्षमता घट जाती है) से पीडि़त थी और उसे अगस्त, 2016 से हृदय प्रत्यारोपण का इंतजार था।
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