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पुलिस की नौकरी 10 से 5 बजे की नहीं, 7.5 करोड़ लोगों की सुरक्षा की जिम्मेदारी है

पुलिस की नौकरी सुबह 10 से शाम 5 बजे की नौकरी नहीं, बल्कि इससे कहीं आगे बढ़कर प्रदेश की 7.5 करोड़ जनता की हिफाजत का कर्त्तव्य है।

By anand rajEdited By: Published: Thu, 07 Apr 2016 11:02 AM (IST)Updated: Thu, 07 Apr 2016 11:06 AM (IST)

इंदौर। पुलिस की नौकरी सुबह 10 से शाम 5 बजे की नौकरी नहीं, बल्कि इससे कहीं आगे बढ़कर प्रदेश की 7.5 करोड़ जनता की हिफाजत का कर्त्तव्य है। त्योहार, खुशी, गम सहित सभी मौकों पर पुलिस मैदान संभालती है तो लोग सुरक्षित होते हैं। पुलिस का काम सबसे महत्वपूर्ण है क्योंकि सुरक्षा और न्याय व्यवस्था होने पर ही प्रदेश की छवि के आधार पर निवेश से लेकर सारे विकास होते हैं।

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यह बात मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय में प्रदेश में अब तक के सबसे बड़े नवआरक्षक दीक्षांत समारोह में बुधवार को बतौर मुख्य अतिथि कही। यहां 1390 नवआरक्षकों ने 10 महीने के प्रशिक्षण के बाद शपथ ली। मुख्यमंत्री ने इनकी परेड की सलामी ली और आदर्श पुलिस व्यवस्था के साथ पुलिस और कर्त्तव्यों के महत्व के बारे में बताया।

बदमाशों के लिए वज्र से भी कठोर हों

मुख्यमंत्री ने कहा नवआरक्षकों का तना हुआ सीना, सधे हुए हाथ और आंखों में तेज देखकर मैं खुश हूं और मुझे मप्र पुलिस पर गर्व है। बात चाहे चंबल के बीहड़ों की हो, नक्सलवाद से निपटने की हो या फिर सिमी का नेटवर्क भंग करने की, मप्र पुलिस ने हर काम में सफलता हासिल की है। यह सिलसिला जारी रहना चाहिए। पुलिस का व्यवहार सज्जनों के लिए फूल से भी कोमल होना चाहिए जबकि दुष्टों और बदमाशों के लिए वज्र से भी कठोर होना चाहिए। जो भी बदमाश जनता को परेशान करे, उस पर कठोर कार्रवाई होना चाहिए।

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25 हजार घर बनाने का लक्ष्य

पुलिस सही तरह से अपनी ड्यूटी तभी कर सकती है जब कमियां दूर की जाएं। इसे ध्यान में रखकर बीते 6 साल में पुलिस महकमे में 32 हजार नौकरियां दी गई हैं, जबकि 14 हजार पद और निकाले जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा प्रदेश पुलिस के घर की चिंता करते हुए 25 हजार मकान बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इनमें से 10 हजार बनकर तैयार हैं। पुलिसकर्मी ड्यूटी के बीच योग और ध्यान के लिए समय निकालें ताकि स्वास्थ्य अच्छा रहे और बेहतर परिणाम मिलें।

लड़कियों की भर्ती पर तारीफ

पुलिस में लड़कियों की बढ़ती संख्या की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा दुनिया में ऐसा कोई काम नहीं जो लड़कियां नहीं कर सकतीं। खुशी इस बात की है कि 1390 नवआरक्षकों में से करीब 400 लड़कियां हैं और 14 किस्म की इनडोर एक्टिविटी में से 12 में लड़कियां अव्वल रही हैं। पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय की अधीक्षक मनीषा पाठक सोनी ने नवआरक्षकों को शपथ दिलवाई और आभार माना। इस मौके पर परेड कमांडर और सर्वोत्तम प्रशिक्षणार्थी के रूप में शैलेंद्रसिंह गुर्जर, रामवल्लभ सिंह, कल्पना गुप्ता का सम्मान भी किया गया।

इन्फ्रास्ट्रक्चर बेहतर, ट्रेनर्स की जरूरत

मुख्यमंत्री ने पुलिस महानिदेशक सुरेंद्र सिंह के साथ परेड की सलामी ली। विशेष पुलिस महानिदेशक (प्रशिक्षण) रीना मित्रा ने बताया कि प्रदेशभर के सभी पुलिस प्रशिक्षण केंद्रों में बेहतर पाठ्यक्रम और साधन-सुविधाओं के साथ ट्रेनिंग दी जा रही है। इन्फ्रास्ट्रक्चर पहले से काफी बेहतर हुआ है, लेकिन प्रदेश में ट्रेनर्स की जरूरत है। मौजूदा प्रशिक्षण में तीन बिंदुओं को आधार बनाकर पुलिस को तैयार किया जा रहा है। ये हैं असामाजिक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई, महिलाओं की सुरक्षा और भयमुक्त वातावरण बनाना। इस मौके पर महापौर मालिनी गौड़, विधायक सुदर्शन गुप्ता, उषा ठाकुर, राजेश सोनकर, आईडीए अध्यक्ष शंकर लालवानी, कलेक्टर पी नरहरि, डीआईजी संतोषसिंह सहित कई पुलिस अधिकारी और गणमान्य नागरिक भी उपस्थित थे।


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