पिता-पुत्र के जमींदोज होने पर हाई कोर्ट ने लिया स्वत: संज्ञान
अदालत ने पूछा है कि इस तरह की घटना को रोकने के लिए क्या उपाय किए जा रहे हैं।
जागरण संवाददाता, रांची। झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस डॉ. एसएन पाठक की अदालत ने गुरुवार को झरिया में पिता-पुत्र के जमींदोज होने की घटना पर स्वत: संज्ञान लिया है। अदालत ने इस मामले में मुख्य सचिव, डायरेक्टर जनरल ऑफ सेफ्टी माइंस (डीजीएमएस), सेंट्रल कोलफील्ड लिमिटेट (सीसीएल), भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (बीसीसीएल) को नोटिस जारी करते हुए पूरी रिपोर्ट मांगी है।
बुधवार को हुई घटना की मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट देखने के बाद अदालत ने पूछा है कि इस तरह की घटना को रोकने के लिए क्या उपाय किए जा रहे हैं। इस मामले में प्रशांत पल्लव को एमिकश क्यूरी बनाया गया है। अब इसकी अगली सुनवाई ग्रीष्म अवकाश के बाद खंडपीठ में होगी।दरअसल झरिया इलाके में बुधवार को पिता-पुत्र एकाएक जमीन में समा गए।
उनका कोई पता नहीं चला है। राहत एवं बचाव के लिए वहां पर एनडीआरएफ की टीम पहुंची लेकिन घटनास्थल पर तापमान 80 डिग्री सेल्सियस होने के कारण टीम ने नीचे उतरने से इन्कार कर दिया है। वहीं इस मामले में नीति आयोग के सदस्य वीके सारस्वत धनबाद पहुंचे हैं। जमींदोज होने की घटना को लेकर उन्होंने वहां के अधिकारियों के साथ बैठक की है।
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